बोरदई के ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि पर यहां मेला लगता है। मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु जिस रास्ते से मंदिर जाते हैं। उसी मार्ग पर टूटे खंभे से बिजली प्रवाहित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि महाशिवरात्रि के समय अक्सर आंधी-पानी आता है। ऐसे में मेले के समय ऐसा हुआ तो बड़ा हादसा हो सकता है। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा? खास है कि अधीक्षण यंत्री से उपयंत्री तक के मोबाइल नंबर प्रकाशित कर उपभोक्ताओं से शिकायत मांगने वाली बिजली कंपनी को शहर से लगे बोरदई टेकड़ी के टूटे खंभे क्यों नहीं नजर आ रहे हैं? एक साल से अव्यवस्थित तरीके से बिजली प्रवाहित कर रही कंपनी खंभे बदलने के लिए क्या किसी हादसे का इंतजार कर रही है? इन सवालों के जवाब बोरदई के ग्रामीणों को एक साल से हैं।
– पं. राघवेंद्र शास्त्री बिजली कंपनी ने पहले यहां तीन खंभे बदलने के लिए लाई थी। लेकिन बिना बदले खंभे लेकर चली गई।
– सोनू सनोडिया
– भूनेश्वरी सनोडिया लग रहा है बिजली कंपनी को खंभे बदलने के लिए किसी हादसे का इंतजार है। एक साल से टूटे खंभे देखकर ऐसा कहना पड़ रहा है।
– राजकुमारी सनोडिया
बोरदई टेकड़ी स्थित महाकालेश्वर मंदिर जाने वाले मार्ग पर टूटे खंभे बदलने के लिए स्टीमेंट तैयार कर लिया गया है। अभी ठेकेदार व्यस्त है। जल्द ही इसे बदला जाएगा।
– प्रेरणा हिरनखेड़े, उपयंत्री बिजली कंपनी