पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण हर कीमत में बहाल करना होगा कांग्रेस
प्रदेश में चल रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त किए जाने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजकुमार खुराना के निर्देशन पर बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी एवं पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को पुन: बहाल किए जाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रोटेशन प्रणाली न अपनाकर, वर्ष 2014 की आरक्षण प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार के आदेश पर पंचायत चुनाव सम्पन्न कराए जा रहे थे, जो विधि सम्मत नहीं है।
प्रदेश के पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रणाली अपनाए जाने को लेकर एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई। याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा सर्वोच्य न्यायालय से मार्ग दर्शन मांगा गया था। इस पर सर्वोच्य न्यायालय ने याचिका के मुख्य बिन्दु को नजर अंदाज करते हुए जो कि रोटेशन पर आधारित था। पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग की आरक्षित सीटों पर चुनाव पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। न्यायालय के इस आदेश से पिछड़ा वर्ग के लोगों को पंचायत चुनाव से वंचित होना पड़ रहा है। इस मामले में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग के मामलों में न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं कमलनाथ ने इस संबंध में कल विधानसभा के पटल पर भी ओबीसी के हित में जोरदार ढंग से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को बहाल करने के लिए संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस पार्टी संघर्ष करेगी। भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह एवं विवेक तन्खा का पुतला जलाया गया, जो इस बात को साबित करता है कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर भाजपा अपने नेताओं को बचाने के लिए कांग्रेसी नेताओं पर झूठा आरोप मढ़ रही है, जो इनके आदत में शामिल हो गया है। यदि भाजपा के लोग पिछड़ा वर्ग के इतने हितैषी है तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का पुतला जलाए, जिन्होंने सरकारी नौकरीयों में 27 प्रतिशत आरक्षण अभी तक नहीं दिया। पिछड़ा वर्ग के शासकीय कर्मचारियों की पदोन्नती रोक रखी है। मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है। यदि शिवराजसिंह पिछड़ा वर्ग का हित चाहते तो मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में न्यायालय के समक्ष पिछड़ा वर्ग का पक्ष मजबूती से रखते। पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने के लिए केन्द्र से लेकर राज्य तक भाजपा षडयंत्र कर रही है, वहीं भाजपा के नेता घडिय़ालू आंसू बहा रहे हैं। भाजपा की इस साजिश को पिछड़ा वर्ग के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं।
इस अवसर पर मप्र कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के उपाध्यक्ष मोहन चंदेल, विष्णु करोसिया, श्याम डहेरिया, खुमानसिंह ठाकुर, विमला ठाकुर, शिवसनोडिया, विनोद यादव, एड. पंकज शर्मा, राजिक अकील, रंजीत यादव, नितिन मिश्रा, एड दादू निखिलेन्द्रनाथ सिंह, एड शैलेष सक्सेना, ऋषभ ठाकुर, एड महेन्द्र चंदेल, एड राजगोस्वामी, एड राजेन्द्र सिसोदिया, एड फिरोज कुरैशी, एड मनोज हरिनखेड़े, एड ललित ठाकुर, एड शाहिद खान, असफाक खान, एड मिर्जा फैशज बेग, हुकुमचंद सनोडिया, संदीप चौहान, सलाम कुरैशी, गेंदलाल भलावी, मोहनसिंह ठाकुर, डालचंद बर्वे, डालचंद पप्पू पुसाम, रंजीत बघेल, कमलेश सनोडिया, धु्रव नारायणसिंह चौधरी, सुजीत गोदरे, जयप्रकाश परिहार, नन्दू यादव, श्रीराम, नब्बू खान, शेरसिंह सनोडिया, शिवराम वर्मा, रामकुमार सनोडिया नदौरा, प्रतीक सदाफल आदि उपस्थित रहे।
प्रदेश में चल रहे त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त किए जाने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजकुमार खुराना के निर्देशन पर बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी एवं पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा प्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को पुन: बहाल किए जाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रोटेशन प्रणाली न अपनाकर, वर्ष 2014 की आरक्षण प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार के आदेश पर पंचायत चुनाव सम्पन्न कराए जा रहे थे, जो विधि सम्मत नहीं है।
प्रदेश के पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रणाली अपनाए जाने को लेकर एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई। याचिका के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा सर्वोच्य न्यायालय से मार्ग दर्शन मांगा गया था। इस पर सर्वोच्य न्यायालय ने याचिका के मुख्य बिन्दु को नजर अंदाज करते हुए जो कि रोटेशन पर आधारित था। पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग की आरक्षित सीटों पर चुनाव पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। न्यायालय के इस आदेश से पिछड़ा वर्ग के लोगों को पंचायत चुनाव से वंचित होना पड़ रहा है। इस मामले में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग के मामलों में न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं कमलनाथ ने इस संबंध में कल विधानसभा के पटल पर भी ओबीसी के हित में जोरदार ढंग से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को बहाल करने के लिए संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस पार्टी संघर्ष करेगी। भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह एवं विवेक तन्खा का पुतला जलाया गया, जो इस बात को साबित करता है कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर भाजपा अपने नेताओं को बचाने के लिए कांग्रेसी नेताओं पर झूठा आरोप मढ़ रही है, जो इनके आदत में शामिल हो गया है। यदि भाजपा के लोग पिछड़ा वर्ग के इतने हितैषी है तो मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का पुतला जलाए, जिन्होंने सरकारी नौकरीयों में 27 प्रतिशत आरक्षण अभी तक नहीं दिया। पिछड़ा वर्ग के शासकीय कर्मचारियों की पदोन्नती रोक रखी है। मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है। यदि शिवराजसिंह पिछड़ा वर्ग का हित चाहते तो मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में न्यायालय के समक्ष पिछड़ा वर्ग का पक्ष मजबूती से रखते। पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने के लिए केन्द्र से लेकर राज्य तक भाजपा षडयंत्र कर रही है, वहीं भाजपा के नेता घडिय़ालू आंसू बहा रहे हैं। भाजपा की इस साजिश को पिछड़ा वर्ग के लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं।
इस अवसर पर मप्र कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के उपाध्यक्ष मोहन चंदेल, विष्णु करोसिया, श्याम डहेरिया, खुमानसिंह ठाकुर, विमला ठाकुर, शिवसनोडिया, विनोद यादव, एड. पंकज शर्मा, राजिक अकील, रंजीत यादव, नितिन मिश्रा, एड दादू निखिलेन्द्रनाथ सिंह, एड शैलेष सक्सेना, ऋषभ ठाकुर, एड महेन्द्र चंदेल, एड राजगोस्वामी, एड राजेन्द्र सिसोदिया, एड फिरोज कुरैशी, एड मनोज हरिनखेड़े, एड ललित ठाकुर, एड शाहिद खान, असफाक खान, एड मिर्जा फैशज बेग, हुकुमचंद सनोडिया, संदीप चौहान, सलाम कुरैशी, गेंदलाल भलावी, मोहनसिंह ठाकुर, डालचंद बर्वे, डालचंद पप्पू पुसाम, रंजीत बघेल, कमलेश सनोडिया, धु्रव नारायणसिंह चौधरी, सुजीत गोदरे, जयप्रकाश परिहार, नन्दू यादव, श्रीराम, नब्बू खान, शेरसिंह सनोडिया, शिवराम वर्मा, रामकुमार सनोडिया नदौरा, प्रतीक सदाफल आदि उपस्थित रहे।