सिवनी शहर के बाहुबली चौक स्थित महात्मा गांधी शासकीय हाइस्कूल के 61 छात्र-छात्राओं में वितरण के लिए शहर के सूफी आजीविका स्व-सहायता समूह द्वारा सिली गई गणवेश पहुंचाई गई। गणवेश वितरण के पहले प्राचार्य डेजी जैन व शिक्षक विजय जैन ने गणवेश की गुणवत्ता को देखने के लिए बंडल खोला, तो पाया कि गणवेश बनाने में उपयोग किया गया, कपड़ा बहुत ही हल्के किस्म का है। तब प्राचार्य ने ऐसी गणवेश को अस्वीकार कर दिया।
प्राचार्य ने घटिया स्तर की गणवेश उपलब्ध कराए जाने पर समूह की सदस्यों से खासी नाराजगी जाहिर की। मौके पर ही पालक शिक्षक संघ के सदस्यों को बुलाया और पंचनामा कार्रवाई की। जिसमें उल्लेख किया है कि समूह की रूखसार खान एवं सुमैया खान ने प्राथमिक शाला महात्मा गांधी सिवनी की 35 छात्राओं व 26 छात्रों के लिए गणवेश प्रदान करने उपस्थित हुईं। गणवेश का परीक्षण करने व पालकों द्वारा गणवेश की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की होने से गणवेश लेने से इंकार कर दिया। लिहाजा गणवेश वापस करते हुए छात्र व छात्रा की एक-एक जोड़ी गणवेश सैम्पल सीलबंद की गई है।
छात्राओं के पहनने लायक नहीं गणवेश –
आजीविका मिशन के द्वारा समूहों से बनवाई गई गणवेश इतनी हल्के कपड़े से बनी है, कि कपड़े के आर-पार नजर आ रहा है। प्राचार्य जैन ने कहा कि हम छात्राओं को ऐसे कपड़े कैसे प्रदान कर दें, यह तो बहुत ही बेकार गणवेश है। कहा कि छात्र-छात्राओं को यह गणवेश पहनवाकर स्कूल बुलवाना उचित प्रतीत नहीं होता। बताया कि इस विषय में उन्होंने सिवनी बीआरसीसी सुनील राय, बीएसी प्रदीप नाग को भी अवगत कराया है।
गर्माया मामला तो बीआरसीसी ने कहा कराएंगे वापस
डेजी जैन, प्राचार्य महात्मा गांधी हाइस्कूल सिवनी का कहना है कि शासन की योजना अनुसार छात्र-छात्राओं को दो-दो जोड़ी गणवेश प्रदान किया जाना है, लेकिन वितरण के लिए समूह ने जो गणवेश बनाई है, वह बहुत ही हल्की गुणवत्ता की है। ऐसी गणवेश वितरण योग्य नहीं है, हमने पंचनामा बनाकर अधिकारियों को अवगत करा दिया है। गुणवत्तायुक्त गणवेश मिलने पर ही वितरण किया जाएगा। इस मामले में सुनील राय, बीआरसीसी सिवनी का कहना है कि शहरी क्षेत्र के महात्मा गांधी शासकीय शाला की प्राचार्य से शिकायत प्राप्त हुई है। उन्हें कहा गया है कि गणवेश गुणवत्तायुक्त नहीं है, तो समूह को लौटा दिया जाए। इस सम्बंध में अधिकारियों से भी मार्गदर्शन मांगा गया है। विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त गणवेश दिलाए जाने के लिए प्रयास किया जाएगा।
प्राचार्य ने घटिया स्तर की गणवेश उपलब्ध कराए जाने पर समूह की सदस्यों से खासी नाराजगी जाहिर की। मौके पर ही पालक शिक्षक संघ के सदस्यों को बुलाया और पंचनामा कार्रवाई की। जिसमें उल्लेख किया है कि समूह की रूखसार खान एवं सुमैया खान ने प्राथमिक शाला महात्मा गांधी सिवनी की 35 छात्राओं व 26 छात्रों के लिए गणवेश प्रदान करने उपस्थित हुईं। गणवेश का परीक्षण करने व पालकों द्वारा गणवेश की गुणवत्ता बहुत ही निम्न स्तर की होने से गणवेश लेने से इंकार कर दिया। लिहाजा गणवेश वापस करते हुए छात्र व छात्रा की एक-एक जोड़ी गणवेश सैम्पल सीलबंद की गई है।
छात्राओं के पहनने लायक नहीं गणवेश –
आजीविका मिशन के द्वारा समूहों से बनवाई गई गणवेश इतनी हल्के कपड़े से बनी है, कि कपड़े के आर-पार नजर आ रहा है। प्राचार्य जैन ने कहा कि हम छात्राओं को ऐसे कपड़े कैसे प्रदान कर दें, यह तो बहुत ही बेकार गणवेश है। कहा कि छात्र-छात्राओं को यह गणवेश पहनवाकर स्कूल बुलवाना उचित प्रतीत नहीं होता। बताया कि इस विषय में उन्होंने सिवनी बीआरसीसी सुनील राय, बीएसी प्रदीप नाग को भी अवगत कराया है।
गर्माया मामला तो बीआरसीसी ने कहा कराएंगे वापस
डेजी जैन, प्राचार्य महात्मा गांधी हाइस्कूल सिवनी का कहना है कि शासन की योजना अनुसार छात्र-छात्राओं को दो-दो जोड़ी गणवेश प्रदान किया जाना है, लेकिन वितरण के लिए समूह ने जो गणवेश बनाई है, वह बहुत ही हल्की गुणवत्ता की है। ऐसी गणवेश वितरण योग्य नहीं है, हमने पंचनामा बनाकर अधिकारियों को अवगत करा दिया है। गुणवत्तायुक्त गणवेश मिलने पर ही वितरण किया जाएगा। इस मामले में सुनील राय, बीआरसीसी सिवनी का कहना है कि शहरी क्षेत्र के महात्मा गांधी शासकीय शाला की प्राचार्य से शिकायत प्राप्त हुई है। उन्हें कहा गया है कि गणवेश गुणवत्तायुक्त नहीं है, तो समूह को लौटा दिया जाए। इस सम्बंध में अधिकारियों से भी मार्गदर्शन मांगा गया है। विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त गणवेश दिलाए जाने के लिए प्रयास किया जाएगा।