scriptऔषधि विभाग के रिश्वतखोर नमूना सहायक लिपिक को हुई सजा | Bribery Sample Assistant Clerk to Drug Department | Patrika News

औषधि विभाग के रिश्वतखोर नमूना सहायक लिपिक को हुई सजा

locationसिवनीPublished: Jul 29, 2019 07:58:28 pm

Submitted by:

santosh dubey

10 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने लिपिक को दबोचा था

Court, Court, Health Department, Clerk, Bribery, Corruption, Prison, Lokayukta

औषधि विभाग के रिश्वतखोर नमूना सहायक लिपिक को हुई सजा

सिवनी. दुकान के लायसेंस के नाम पर रिश्वत मांगने वाले स्वास्थ्य विभाग के जिन लिपिक को लोकायुक्त की टीम ने जिला चिकित्सालय के मुख्य गेट के पास की एक चायपान की दुकान के पास 10 हजार रुपए लेते हुए 23 जून 2015 को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था ऐसे दो आरोपियों को जिला सिवनी के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के न्यायालय ने जिले के एक और भ्रष्टाचार के मामले में सजा सुनाई है।
मीडिया सेल प्रभारी मनोज सैयाम ने बताया कि संदीप शर्मा निवासी लखनादौन द्वारा 29 मई 2015 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर में लिखित शिकायत की गई कि उसकी लखनादौन पेट्रोल पंप के पास दवाई की दुकान है। सन् 2014 में दुकान खोलने के लिए खाघ एवं औषधी प्रशासन विभाग सिवनी द्वारा लायसेंस जारी किया गया था। उक्त लायसेंस को जारी रखने के लिए विभाग के औषधि निरीक्षक अजीत जैन एवं नीलकंठ कहाते (नमूना सहायक) उसे डरा धमका कर 30,000 की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जिस पर उसके द्वारा अजीत जैन औषधी निरीक्षक एवं नीलकंठ कहाते (नमूना सहायक) को रिश्वत के 20,000 पूर्व में दे चुका है तथा शेष 10,000 न देने के कारण अजीत जैन औषधि निरीक्षक द्वारा 23 मई 2015 को आदेश जारी कर उसकी दुकान 10 दिन के लिए बंद करा दी थी। जिस पर वह अजीत जैन एंव नीलकंठ कहाते से मिला था तो वे लोग शेष 10,000 रुपए की मांग कर रहे हैं। जिस पर लोकायुक्त पुलिस जबलपुर द्वारा प्राथमिक अपराध दर्ज कर आरोपी गणों को रंगे हाथ पकडऩे के लिए अग्रिम कार्यवाही की गई।
अस्पताल के मेन गेट के पास खड़ी थी लोकायुक्त की टीम
ट्रेप दल द्वारा 23 जून 2015 को बजे जिला अस्पताल सिवनी के मैन गेट के पास चाय दुकान के सामने प्रार्थी संदीप शर्मा से नीलकंठ कहाते द्वारा रिश्वत की राशि 10,000 रुपए लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। लोकायुक्त पुलिस द्वारा पकडऩे पर बताया कि रिश्वत की राशि अजीत जैन के लिए लिया था। जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा मौके पर समस्त कार्यवाही कर नीलकंठ कहाते तथा अजीत जैन को गिरफ्तार किया गया था।
संपूर्ण विवेचना पश्चात लोकायुक्त पुलिस जबलपुर द्वारा न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी अजीत जैन के विरूद्ध शासन द्वारा अभियोजन स्वीकृति प्रदान न किए जाने पर उसके विरूद्ध आरोप विरचित नही किया गया केवल नीलकंठ कहाते के विरूद्ध आरोप विरचित किए गए। जिसकी सुनवाई राजर्षि श्रीवास्तव विशेष सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सिवनी की न्यायालय में की गई। जिसमें शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दीपा मर्सकोले जिला अभियोजन अधिकारी सिवनी के द्वारा गवाह और सबूत पेश किए जिस पर न्यायालय द्वारा आरोपी नीलकंठ कहाते को दोषी पाते हुए धारा-7 में तीन वर्ष एवं 5000 रुपए जुर्माना तथा धारा -13 (1) (डी), 13(2) भ्रष्टाचार अधिनियम में 4 वर्ष के कारावास एवं 5000 रुपए जुर्माना की सजा से दंडित किया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो