scriptरेतीले मैदान पर ईंट का गोलपोस्ट, हुनर दिखाने मजबूर खिलाड़ी | Brick goalpost on the sandy field, forced players to show their talent | Patrika News

रेतीले मैदान पर ईंट का गोलपोस्ट, हुनर दिखाने मजबूर खिलाड़ी

locationसिवनीPublished: Aug 04, 2018 12:17:35 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

फुटबाल की जिला स्तरीय टीम चुनने हो रहे ट्रायल की हकीकत

seoni
सिवनी. जिले से फुटबॉल खिलाडिय़ों की टीम चुनने शिक्षा विभाग द्वारा ट्रायल प्रतियोगिता का आयोजन रेत के मैदान में ईंटों का गोलपोस्ट बनाकर किया जा रहा है। रेतीले मैदान में पहुंचकर खिलाड़ी खासी नाराजगी जाहिर की, लेकिन न चाहते हुए भी उन्हें इसी मैदान में अपने खेल का प्रदर्शन करना पड़ा।
शुक्रवार को शिक्षा विभाग अंतर्गत जिला क्रीड़ा अधिकारी जस्सी थॉमस के निर्देशन में जिला स्तरीय शालेय फुटबाल अंडर १४, अंडर १७ एवं अंडर १९ के लिए बालक-बालिका टीम का चयन करने ट्रायल लिया जा रहा था। उन्होंने इसके लिए मिशन इंग्लिश स्कूल के रेतीले मैदान को चुना। इतना ही नहीं न तो मैदान फुटबाल प्रतियोगिता के हिसाब से उचित था और न ही इसमें गोलपोस्ट था। तब भी उन्होंने सब कमियों को नजर अंदाज करते हुए ईंट का गोलपोस्ट बनाकर इसी में खिलाडिय़ों को अपना हुनर दिखाने उतार दिया। कंकड-पत्थर से भरे रेत के मैदान में ईंट के गोलपोस्ट पर खिलाडिय़ों को किक लगाने मजबूर किया गया। इस हाल को देखकर बालक-बालिका खिलाडिय़ों ने अपने कोच और आयोजनकर्ताओं से भी नाराजगी जाहिर की।
इस मामले में जब जिला क्रीड़ा अधिकारी जस्सी थॉमस से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि फुटबॉल ट्रायल के लिए पहले बड़े मिशन स्कूल मैदान को चुना गया था, लेकिन वहां एक शासकीय कार्यक्रम के लिए पंडाल लगाया जा रहा है, इससे स्थान परिवर्तन करना पड़ा। जब उन्हें कहा गया कि शहर में पीजी कॉलेज मैदान, पॉलिटेकक्नि कॉलेज मैदान व दूसरे प्राइवेट स्कूलों में फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए उपयुक्त मैदान उपलब्ध हैं, उनमें क्यों नहीं ट्रायल प्रतियोगिता कराई गई, तब वे कुछ जवाब नहीं दे सकीं, बल्कि कहा कि शनिवार को रेतीले मैदान में ट्रायल नहीं होगा, पीजी कॉलेज मैदान में आयोजन किया जाएगा।
पहले भी बरती जाती रही है लापरवाही –
जिला क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय द्वारा पूर्व में भी प्रतियोगिताओं के आयोजन को लेकर चर्चा में रही हैं। बीते वर्ष प्रतियोगिता में विभिन्न जिलों के खिलाड़ी सिवनी पहुंचे थे, जिनको रात गुजारने चटाई पर ही सुला दिया गया था, इसके अलावा उनके लिए उपलब्ध मैदान व विश्राम स्थल पर उचित व्यवस्था न होने पर भी खिलाडिय़ों ने नाराजगी जाहिर की थी। तब समाजसेवी नागरिकों ने आधी रात को खिलाडिय़ों के लिए गद्दे व अन्य सुविधाओं के इंतजाम कराए थे।
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