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रोजमर्रा की चीजों पर ध्यान केन्द्रित कर नहीं पेश किया गया है बजट

locationसिवनीPublished: Feb 01, 2021 09:43:11 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

अर्थशास्त्री बोले मध्यम वर्गीय परिवार के लिए नहीं बजट में कुछ भी खास

रोजमर्रा की चीजों पर ध्यान केन्द्रित कर नहीं पेश किया गया है बजट

रोजमर्रा की चीजों पर ध्यान केन्द्रित कर नहीं पेश किया गया है बजट

सिवनी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया। बजट से लोगों ने जितना उम्मीद पाला था। यह उस पर खरा नहीं उतरा। अर्थशास्त्रियों के अनुसार सरकार को रोजमर्रा की चीजों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए गैस सिलेण्डर, खाद्य सामग्री आदि पर ध्यान दिया जाना आवश्यक था। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इस बजट में ज्यादा कुछ नहीं है। यह केवल एक सामान्य बजट है।
कोरोना काल को ध्यान में रखकर सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में बढ़ोतरी की है। सरकार ने बजट के जरिए आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा दिया है। यह सराहनीय है। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार इस मद में अगले छह सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके तहत प्राइमरी लेवल से लेकर उच्चस्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाएगा। नई बीमारियों पर भी फोकस होगा, जो नेशनल हेल्थ मिशन से अलग होगा। बजट में घोषणा अनुसार ७५ हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे। सभी जिलों में जांच केंद्र, 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल खुलेंगे। नेशलन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इंफो पोर्टल को और मजबूत किया जाएगा। १७ नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को भी चालू किए जाने की बात अच्छे संकेत हैं।

भविष्य में जीडीपी करेगी ग्रोथ
वित्तमंत्री ने बजट में सोने-चांदी की कीमतों में काफी कमी एवं गिरावट आएगी। विदेशी मुद्रा का भंडारण संभव है। इससे रुपए के मूल्य में वृद्धि होगी। इसे नकारात्मक रूप से नहीं देखा जा सकता है। इससे भविष्य में जीडीपी ग्रोथ की दिशा तय होगी। बजट में सभी मदों एवं आमजन को ध्यान में रखा गया है।
– गोविंद बोरकर, अधिवक्ता

पेंशन पर नहीं दिया गया है ध्यान
कर्मचारियों की पिछले छह-सात वर्षों से लंबित पेंशन संबंधी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। एनपीसी के माध्यम से एनएसडीएल को लाखों करोड़ शेयर बाजार में लगाकर कर्मचारियों को 800 से 1000 रुपए पेंशन दी जा रही है। ये न्यायोचित नहीं है।
– विपनेश जैन, शिक्षक
कब होगी किसानों की आय दोगुनी
किसानों के लिए बजट में कुछ खास नहीं है। सरकार हर बार बजट पेश करते समय कहती है कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। इस दिशा में कार्य हो रहा है, लेकिन यह धरातल पर कब दिखेगा। यह समझ में नहीं आ रहा है। धरातल पर बीज व खाद के दामों में वृद्धि हो रही है। कालाबाजारी रूक नहीं रही है।
– जितेंद्र बघेल, किसान

बिजली का निजीकरण किया जाना आमजनों के लिए ठीक नहीं
बिजली को निजीकरण किया जाना आमजनों के लिए ठीक नहीं है। इससे भविष्य में बिजली और भी महंगी होने की संभावना बलवती हो रही है। निजीकरण होने से पूरी तरह से बिजली पर से सरकार का नियंत्रण हट जाएगा, जो गरीब और आमजनों के लिए ठीक नहीं होगा। यह बजट निराशाजनक है।
– चंचला चौकसे, गृहणी

शानदार बजट पेश किया सरकार ने
बजट में सभी का पूरा ध्यान रखा गया है। भारत सरकार ने शानदार बजट पेश किया है। कृषि और उपकरण पर विशेष फोकस किया गया है।
– गौरीशंकर शर्मा, व्यापारी

बजट ‘आत्मानिर्भर भारत की मंशा के अनुरूप
वर्तमान आम बजट लोक कल्याणकारी, सर्वसमावेशी और ‘आत्मनिर्भर भारतÓ की मंशा अनुरूप है। किसान, मध्य वर्ग, गरीब, महिलाओं समेत प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा गया है। अर्थव्यवस्था को गति देने एवं देश के हर नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त करने का कार्य करेगा।
– आशीष माना ठाकुर, अध्यक्ष यूथ विंग समर्पण युवा संगठन

आम बजट स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर
सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर है, लेकिन सामान्य वर्ग के लोगों तथा करदाताओं के लिए इसमें किसी भी प्रकार की कोई राहत प्रदान नहीं की गई है। कर्मचारियों को इस बजट से बहुत उम्मीदें थी।
– विजय शुक्ला, शिक्षक

आम आदमी की मूलभूत सुविधाओं पर प्रभाव नगण्य
वर्ष 2021 का यह बजट उम्मीदों का बजट था, लेकिन इसमें आम आदमी की मूलभूत सुविधाओं पर प्रभाव नगण्य ही रहा है। मुख्य रूप से छह बिंदुओं पर आधारित यह बजट सर्वस्पर्शी व सर्व समावेशी स्वरूप प्राप्त नहीं हो सका। शिक्षा के क्षेत्र का बजट में विशेष ध्यान रखा गया है।
– प्रोफेसर कामाक्षा बिसेन, पीजी कॉलेज लालबर्रा बालाघाट

बहुत उत्साही बजट नहीं
डॉक्टरों की कमी के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली एवं जिले में मेडिकल कालेज खोलने की समग्र सोच का धरातल पर कब तक अनुपालन कराएगा स्पष्ट नहीं है? कोरोना काल में बंद पड़े उद्योगों/निजी संस्थाओं के लिए कोई राहत नहीं है। रोजगार के अवसर बढ़ाने की कार्ययोजना स्पष्ट नहीं है। शिक्षा, परिवहन, पर्यावरण, जल संरक्षण, उद्योगों एवं तकनीकि संस्थाओं के लिए बहुत कुछ दिया जाना था।
– डॉ. अमिता चतुर्वेदी, अर्थशास्त्री
स्वास्थ्य सेवाओं एवं संपत्ति के मुद्रीकरण की दृष्टि से यह बेहतर बजट
सरकार ने इस बजट में बुनियादी ढांचे और संपत्ति के मुद्रीकरण के साथ प्रत्येक जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं संसाधनों का अनुपालन कराने जो प्रयास किए हैं। वह बेहतर है। स्वास्थ्य सेवाओं एवं किसानों एवं नई शिक्षा नीति की दृष्टि से यह बजट बेहतर है। बुनियादी ढांचे एवं संपत्ति कि मुद्रीकरण से निजी क्षेत्रों के लघु/कुटीर एवं वृहद उद्योगों को गति मिलेगी तथा रोजगार के अवसर बढ़ेगे।
– डॉ. केके चतुर्वेदी, शिक्षाविद

स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा सराहनीय कदम
कोरोना काल में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि हेल्थ सेक्टर को मोदी सरकार की तरफ से कुछ ना कुछ खास मिलेगा। मोदी सरकार ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में बढ़ोतरी की है और एक खास स्कीम चलाई है। आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देश के लोगों को दिया है। स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसे 94 हजार से 2.38 लाख करोड़ किया गया है।
– डॉ. भूपेंद्र मिश्रा, होमियोपैथी चिकित्साधिकारी

750 एकलव्य विद्यालयों की स्थापना से शिक्षा का दायरा बढ़ेगा
तीस हजार लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता देने का कदम प्रशंसनीय है। नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना से बेहतर पुलिसिंग की व्यवस्था हो सकेगी। कौशल प्रशिक्षण के साथ १५० उच्च शिक्षा संस्थानों के शुरू होने से युवाओं को बेहतर भविष्य मिलेगा। 750 एकलव्य विद्यालयों की स्थापना से अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षा का दायरा व्यापक होगा। उच्च शिक्षा आयोग के गठन का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। जनता को साधने की कोशिश में बेरोजगार युवाओं, किसानों और महिलाओं की उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं।
– प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे, पीजी कॉलेज सिवनी

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