कार्रवाई में क्यों हो रहा हैं विलंब
फरवरी माह में बिना अनुमति खंभा लगाया गया। 27 फरवरी को कार्यपालन यंत्री ने जांच बैठाई। करीब तीन दिन की जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर मार्च माह में अधीक्षण अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता को भेज दिया गया। कार्यपालन यंत्री की जांच में आरोप सही मिलने के बाद भी अप्रैल व मई माह पार हो जाने के बाद केवल चार्जशीट जारी किया जाना अधिकारियों की कार्यप्राणली को कटघरे में खड़ा कर रहा है। जांच की प्रक्रिया धीमी होने से बिजली कंपनी के कर्मचारियों में तरह-तरह की चर्चाए की जा रही है। कर्मचारियों की बातों पर गौर करें तो अधिकारियों ने आरोप सही मिलने पर केवल बाबू का स्थानांतरण गैर जिले किया, जबकि एई और जेई अब भी उक्त स्थान पर ही कार्य कर रहे हैं।
फरवरी माह में बिना अनुमति खंभा लगाया गया। 27 फरवरी को कार्यपालन यंत्री ने जांच बैठाई। करीब तीन दिन की जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद प्रस्ताव तैयार कर मार्च माह में अधीक्षण अभियंता के माध्यम से मुख्य अभियंता को भेज दिया गया। कार्यपालन यंत्री की जांच में आरोप सही मिलने के बाद भी अप्रैल व मई माह पार हो जाने के बाद केवल चार्जशीट जारी किया जाना अधिकारियों की कार्यप्राणली को कटघरे में खड़ा कर रहा है। जांच की प्रक्रिया धीमी होने से बिजली कंपनी के कर्मचारियों में तरह-तरह की चर्चाए की जा रही है। कर्मचारियों की बातों पर गौर करें तो अधिकारियों ने आरोप सही मिलने पर केवल बाबू का स्थानांतरण गैर जिले किया, जबकि एई और जेई अब भी उक्त स्थान पर ही कार्य कर रहे हैं।
वर्जन
एई, जेई व बाबू के खिलाफ चार्जशीट जारी किया गया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाएगी। बाबू को वहां से गैर जिला स्थानांतरित कर दिया गया है।
– आरके स्थापक, मुख्य अभियंता मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर
एई, जेई व बाबू के खिलाफ चार्जशीट जारी किया गया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाएगी। बाबू को वहां से गैर जिला स्थानांतरित कर दिया गया है।
– आरके स्थापक, मुख्य अभियंता मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर