कहा कि संगोष्ठी के नाम पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाए गए। पंडाल और माइक बड़े-बड़े स्क्रीन के साथ वाहनों का काफिला और हजारों की भीड़ थी। इसका नाम दिया गया किसान संगोष्ठी। मुख्यमंत्री ने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में वर्ष 2003 से लेकर अब तक चलाई गई सभी घोषाओं की पूरी लिस्ट भाषण में सुना दी। कहा कि आम आदमी ने मांग किया है कि किसानो के सोसाइटी के समस्त ऋण माफ किए जाए। अगली फसल के लिए बीज और खाद समय पर सोसाइटी में उपलब्ध कराए जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्का की खरीद की जाए। पेंच, राजीव सागर और संजय सरोवर का अधिक से अधिक जल जिले को दिलाया जाए। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी अधिक जल अन्य जिले तक न पहुंचाया जाए।
सीएम का आगमन जिले के लिए निराशजनक : कांग्रेस
सिवनी. कांग्रेस ने भी सीएम के आगमन पर तंज कसा है। कांग्रेस के प्रभारी प्रवक्ता जेपीएस तिवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिला मुख्यालय छोड़कर पलारी में आगमन हुआ। जो जिले के लिए निराशाजनक रहा। सूखे की चपेट में चिंतित किसानों को मुख्यमंत्री के आगमन से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन वे जिले के किसानों के लिए बड़ी राहत वाली घोषणा करके जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। केवल अपनी लच्छेदार भाषण की घुट्टी पिलाकर किसानों को भावांतर योजना के भवसागर में फंसाकर चले गए। खेती को लाभ का धंधा बनाएंगे। ये जुमला किसान लंबे समय से सुन रहे हैं।
सीएम का आगमन जिले के लिए निराशजनक : कांग्रेस
सिवनी. कांग्रेस ने भी सीएम के आगमन पर तंज कसा है। कांग्रेस के प्रभारी प्रवक्ता जेपीएस तिवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिला मुख्यालय छोड़कर पलारी में आगमन हुआ। जो जिले के लिए निराशाजनक रहा। सूखे की चपेट में चिंतित किसानों को मुख्यमंत्री के आगमन से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन वे जिले के किसानों के लिए बड़ी राहत वाली घोषणा करके जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। केवल अपनी लच्छेदार भाषण की घुट्टी पिलाकर किसानों को भावांतर योजना के भवसागर में फंसाकर चले गए। खेती को लाभ का धंधा बनाएंगे। ये जुमला किसान लंबे समय से सुन रहे हैं।
उधर एक ओर कांग्रेस सीएम के कार्यक्रम का विरोध कर रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के केवलारी विधायक सीएम का मंच पर चरणवंदन करने में पीछे नहीं रहे। इसकी चर्चा भी सुर्खियों में है।