सिवनी

कॉलरवाली बाघिन ने ली अंतिम सांस, 29 शावकों को जन्म देकर बनाया था विश्व रिकॉर्ड

विश्व के वन्यप्राणी प्रेमियों में शोक की लहर, 16.5 वर्ष आयु में वृद्धावस्था के कारण हुई मौत

सिवनीJan 17, 2022 / 09:34 am

akhilesh thakur

कॉलरवाली बाघिन ने ली अंतिम सांस, 29 शावकों को जन्म देकर बनाया था विश्व रिकॉर्ड

सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी की विश्वविख्यात बाघिन टी-15 (कॉलरवाली) का निधन हो गया। उसके निधन की जानकारी होते ही पार्क प्रबंधन सहित विश्व के वन्यप्राणी प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है। कॉलरवाली बाघिन ने शनिवार को सायं करीब ६.१५ बजे कर्माझिरी परिक्षेत्र के बीट कुम्भादेव के कक्ष क्रमांक 589 में अंतिम सांस ली। उसकी उम्र करीब 16.5 वर्ष बताई जा रही है। उसकी मृत्यु उसकी वृद्धावस्था के कारण होना बताया जा रहा है।
क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा ने बताया कि वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा विगत एक सप्ताह से बाघिन पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। मृत्यु उपरांत पेंच के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा एवं पशु चिकित्सक एसडब्ल्यूएफएच (स्कूल आफ वाइल्ड लाइफ एंड फारेंसिक हेल्थ जबलपुर) डॉ. अमोल रोकड़े द्वारा रविवार को सुबह एनटीसीए के एसओपी के अनुसार शव परीक्षण कर, विसरा अंगों का प्रयोगशाला अन्वेषण हेतु संग्रहण किया गया।
बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व को विश्व में पहचान देने वाली बाघिन टी-15 का जन्म वर्ष 2005 के सितंबर माह में उस समय की विख्यात बाघिन बड़ी मादा से हुआ था। आगे चलकर बड़ी मादा की मृत्यु के बाद कॉलरवाली ने अपनी मां की विरासत को गौरवपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाया। कॉलरवाली बाघिन ने मई 2008 से दिसम्बर 2018 के मध्य कुल आठ बार में 29 शावकों को जन्म दिया। पेंच में बाघों का कुनबा बढ़ाने में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। एक बाघिन का अपने जीवन काल में 29 शावकों को जन्म देना का एक विश्व रिकार्ड है एवं 29 शावको में से 25 शावकों को जन्म के बाद एक बाघिन द्वारा जीवित रख पाना भी अपने आप में अभूतपूर्व कीर्तिमान है। कॉलरवाली बाघिन ने मई 2008 में प्रथम बार तीन शावकों को, अक्टूबर 2008 में चार शावकों को, अक्टूबर 2010 में पांच शावकों को, मई 2012 में तीन शावकों को, अक्टूबर 2013 में तीन शावकों को, अप्रेल 2015 में चार शावकों को, 2017 में तीन शावकों को एवं दिसम्बर 2018 में चार शावकों को जन्म दिया था।
वर्तमान में पाटदेव बाघिन (टी-4) जो कि अपने पांच शावकों के साथ पार्क की शोभा बढ़ा रही है। वह कॉलरवाली बाघिन की ही संतान है पार्क प्रबंधन को पूर्ण विश्वास है कि यह बाघिन शीघ्र ही अपनी मां का स्थान लेकर कॉलरवाली की विरासत को आगे बढ़ाएंगी। टी-15 कॉलरवाली बाघिन की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। एनटीसीए द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार सम्पूर्ण कार्रवाई की गई। क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा, उप संचालक अधर गुप्ता, सहायक वन संरक्षक बीपी तिवारी, परिक्षेत्र अधिकारी आशीष खोब्रागड़े, एनटीसीए के प्रतिनिधि विक्रांत जठार, राजेश भेण्डारकर, जिला पंचायत सदस्य रामगोपाल जयसवाल, पार्क प्रबंधन के पंजीकृत गाइड एवं रिसोर्ट प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इको विकास समिति कर्माझिरी की अध्यक्षा शांताबाई सरयाम ने पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में रहने वाले समस्त नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए विश्व प्रसिद्ध बाघिन कॉलरवाली को मुखाग्नि दी।
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