पाले से फसलों के बचाव के लिए किसानों को सलाह
संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने किसानों को सलाह दी है कि कुछ क्षेत्रो में तापमान 4 डिग्री से कम रह सकता है। मौसम विभाग द्वारा तापमान तेजी से कम होने की संभावना बताई गई है।
तापमान में होने वाली इस गिरावट का असर फसलो पर पाले के रूप में होने की आशंका रहती है। किसानों को समझाईश दी गई है कि रात्रि में विशेषकर तीसरे और चौथे पहर खेत की मेढ़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर धुंआ करें जिससे कि धुंए की परत फसलों के उपर आच्छादित हो जाए।
भारत सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने सलाह दी है कि ऐसी शुष्क भूमि में पाला पडऩे का जोखिम अधिक होता है अत: फसलों में स्पिं्रकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई कृषक करें। थायोयूरिया की 500 ग्राम मात्रा का एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें यह उपाय पाले के विरूद्ध उपयोगी उपाय है। 8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड़ बुरकाव अथवा वेटेबल या घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना भी पाले के विरूद्ध कारगर उपाय पाया गया है।
संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने किसानों को सलाह दी है कि कुछ क्षेत्रो में तापमान 4 डिग्री से कम रह सकता है। मौसम विभाग द्वारा तापमान तेजी से कम होने की संभावना बताई गई है।
तापमान में होने वाली इस गिरावट का असर फसलो पर पाले के रूप में होने की आशंका रहती है। किसानों को समझाईश दी गई है कि रात्रि में विशेषकर तीसरे और चौथे पहर खेत की मेढ़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर धुंआ करें जिससे कि धुंए की परत फसलों के उपर आच्छादित हो जाए।
भारत सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने सलाह दी है कि ऐसी शुष्क भूमि में पाला पडऩे का जोखिम अधिक होता है अत: फसलों में स्पिं्रकलर के माध्यम से हल्की सिंचाई कृषक करें। थायोयूरिया की 500 ग्राम मात्रा का एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें यह उपाय पाले के विरूद्ध उपयोगी उपाय है। 8 से 10 किलोग्राम सल्फर डस्ट प्रति एकड़ बुरकाव अथवा वेटेबल या घुलनशील सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना भी पाले के विरूद्ध कारगर उपाय पाया गया है।