बच्चियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं में समझौता बर्दाश्त नहीं: मातृशक्ति संगठन
सिवनीPublished: Feb 21, 2020 12:43:12 pm
दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है।
crime : अमरोली पुलिस के खिलाफ ओडिशा में मामला दर्ज,crime : अमरोली पुलिस के खिलाफ ओडिशा में मामला दर्ज,
सिवनी. ग्राम बटामा गांव में बच्ची के साथ घटी छेड़छाड़ की घटना में बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले शिक्षक के खिलाफ आज संगठन द्वारा कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से मिलकर पूर्व में हुई घटना की जानकारी से अवगत कराते हुए दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। जिस पर जिला कलेक्टर द्वारा घटना को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाही का आश्वासन दिया। पूर्व में हुई अरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत बटामा गांव में प्रायमरी स्कूल के अंदर 5 वीं कक्षा की बच्ची के साथ घटी घटना निंदनीय है। संगठन को इस घटना की जानकारी मिलने पर संगठन ने बटामा गांव में जाकर पीडि़त बच्ची की मां से मुलाकात की है। जब संगठन के सदस्यों द्वारा पीडि़त बच्ची के परिजनों से घटना के बारे में जानकारी ली गई तो पीडि़ता की मां के द्वारा घटना को छुपाने की कोशिश व गोल मटोल जबाब दिए गए जो कि बेबुनियाद थे। इतनी बड़ी घटना को टालना हमारी समझ से परे है। बातों से यह स्पष्ट होता है कि उन्हें कुछ भी ना बोलने के लिए मजबूर किया गया है। इसी तरह जब बिटिया से जब घटना के बारे में पूछने की कोशिश की गई तब वह कांपती डरी हुई आवाज से उसने बताया कि जब भी हम बच्चे सर को पानी देने जाते हैं तो सर हाँथ पकड़ते है और भी कुछ गलत हरकतें है। जिसकी सूचना अनेक बच्चों ने अपने परिजनों को दी हैं और जब संगठन द्वारा घर-घर में जाकर संपर्क किया गया। जिससे बहुत से खुलासे हुए हैं। आखिर गांव में कुछ नही हुआ तो गांव के स्कूल में पुलिस को किसने बुलाया और क्यों। पुलिस के आने पर दोषी शिक्षक गांव वालों का किस बात का समझौता कराया गया। पुलिस के जाने के बाद गांव के लोगों के मुंह में ताले क्यों लग गए। जब कुछ नहीं हुआ तो उक्त शिक्षक द्वारा माफी नामा किस बात का और क्यों लिख कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग व ट्रायल विभाग के सूत्र बताते हैं कि कुछ साल पहले कुरई विकासखंड के ही राजोला प्राथमिक शाला में पदस्थ रहते हुए स्कूल की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था। मामले के बाद ट्रायल विभाग के अधिकारियों द्वारा उसको निलंबित कर दिया गया था। बहाली के बाद उसे कुरई विकासखंड के ही बादलपुर डुंगरिया स्कूल में किया गया था। जहां भी विवादित व इसी तरह की हरकतों के चलते हटाकर आदिवासी गांव बटामा के प्राथमिक शाला स्कूल में पदस्थ किया गया था। इस घटना से ये साबित हो गया कि गांव के लोगों को चुप करवाकर इन हरकतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जो किसी भी तरह बहन बेटियों महिलाओं के हित में नहीं है। छोटी घटनाओं को दबाना बड़ी घटनाओं को आमंत्रण देना है। उक्त शिक्षक आदतन ऐसे ही है। इस बात की पुष्टि उनके पुराने रिकॉर्ड से भी होती है।
जिसका संगठन घोर विरोध करता है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की बात की जा रही है। दोषी शिक्षक को तुरंत दंडित करें ताकि ये घटनाएं दोहराई न जाएं।