सिवनी. चार सौ बिस्तर वाले इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अस्पताल परिसर के बाहर जहां गंदगी का आलम है तो वहीं अंदर की दीवारें, बीम कॉलम गंदगी से अटे पड़े हैं। अस्पताल में कई बार इतनी ज्यादा गंदगी देखने को मिलती है जिसे देखकर यह लगता है कि अस्पताल स्वयं बीमार है।
मरीज व उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल के कई स्थानों पर जगह-जगह जल भराव, पान-गुटखा की पीक, गंदगी के ढेर अस्पताल प्रशासन का मुंह चिढ़ा रहे हैं। अस्पताल में भर्ती सैकड़ों मरीजों के लिए यह गंदगी बीमारी की वजह बन सकती है। यहां धूम्रपान करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान तो है लेकिन ढुलमुल रवैये के चलते इसका असर यहां नजर नहीं आता है और न ही जुर्माना वसूला जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप अस्पताल में गंदगी लगातार पांव पसार रही है।
अस्पताल के अंदर परिसर स्थित चेनल गेट के पास, अंदर की आकस्मिक ओपीडी कक्ष के सामने अक्सर गंदगी बनी रहती है। यहां पीने के पानी के लिए वाटर कूलर जहां रखा गया है उसके आसपास भी भोजन के जूठन, खराब पॉलीथिन, बेकार साग-सब्जी आदि बिखरी पड़ी रहती है जिससे यहां से उठने वाली दुर्गंध से मरीजों के परिजनों व स्वास्थ्य कर्मी का भी यहां से गुजरना दूभर होता है।
इसी प्रकार अस्पताल के वार्डों के शौचालयों की दुर्दशा भी किसी से छिपी नही हैं। यहां गंदा पानी भी भरा रहता है। दुर्गंध की वजह से लोग आसपास भी जाना पसंद नहीं करते हैं। जरूरी होने पर मरीज व उनके परिजन मुंह नाक कपड़े से ढांक कर जाते हैं।
इसी प्रकार अस्पताल के महिला मेडिकल व सर्जिकल वार्ड में भी गंदगी का आलम है। बरामदे के बीम कॉलम में पान-गुटका की पीक, गंदगी बनी है वहीं लोहे की जाली भी कई जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बाहर की ओर निकली लोहे की जाली, रॉड से बरामदे से गुजरने वाले मरीज व उनके परिजनों समेत स्वास्थ्य कर्मी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है
व्यवस्थाएं बनाई जा रही है, जहां कभी है उसे दुरुस्त किया जाएगा। सफाई में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आरके श्रीवास्तव, सिविल सर्जन
जिला अस्पताल, सिवनी।