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रेंजवार क्रमिक भूख हड़ताल की अनदेखी तो मुख्यालय पर आठ रेंजों के श्रमिकों का प्रदर्शन

locationसिवनीPublished: Nov 28, 2020 01:26:41 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

काम से निकाले जाने और मानदेय नहीं दिए जाने से आक्रोशित हैं श्रमिक, एटक ने दिया समर्थन

रेंजवार क्रमिक भूख हड़ताल की अनदेखी तो मुख्यालय पर आठ रेंजों के श्रमिकों का प्रदर्शन

रेंजवार क्रमिक भूख हड़ताल की अनदेखी तो मुख्यालय पर आठ रेंजों के श्रमिकों का प्रदर्शन

सिवनी. वन सुरक्षा श्रमिक यूनियन के तत्वावधान में काम से निकाले गए श्रमिकों ने कलेक्ट्रेट गेट के पास बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतीमा के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं। श्रमिकों का कहना है कि दक्षिण सिवनी वनमंडल की हठधर्मिता से वन सुरक्षा श्रमिकों को छह माह पूर्व से निकाल दिया गया है। इसके पूर्व का पैसा भी उनको नहीं दिया गया है।

श्रमिकों का कहना है कि वर्तमान समय में भारी ठंड पड़ रही है और वन श्रमिक अपनी मांगों को लेकर रेंज वार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। शेष 8 रेंजों के वन सुरक्षा श्रमिक धरने पर बैठने कलेक्ट्रेट आए हैं। श्रमिकों को कहना है कि ठंड में वे यहां ठिठुर रहे हैं, जबकि वनमंडल के अधिकारी रजाई ओढ़कर घरों में सो रहे हैं।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि कोरोना काल में किसी श्रमिक को काम से नहीं निकाला जाएगा, बल्कि उन्हें काम पर लगाया जाएगा। उनके परिवार के पालन-पोषण का ध्यान रखा जाएगा। लेकिन खेद की बात है कि वन सुरक्षा श्रमिकों को कोरोना काल में काम से निकालकर उनके परिवार को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया है। जिला सुरक्षा श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष जगदीश मरकाम, एटक जिला संयोजक कॉम. डीडी वासनिक, श्रमिक यूनियन महासचिव राजेन्द्र धुर्वे, सचिव दिनेश सोनी, स्टूडेंट्स फेडरेशन यीशु प्रकाश, अली एमआर खान, तीरथप्रसाद गजभिए ने मांग किया है कि वन सुरक्षा श्रमिकों की मांगों को शीघ्र पूर्ण किया जाए।
मछुआ समाज को किया जा रहा मछली पालन से बेदखल नौ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा
सिवनी. जिला मछुआ समाज के तत्वावधान में सैकड़ों लोग शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। समाज के लोगों ने तहसीलदार प्रभात मिश्रा को नौ सूत्रीय मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
कहा कि सैंकड़ो वर्षों से जीवन यापन के लिए मछुआ समाज तालाबों में मछली पालन का कार्य कर रहा है। इसके लिए शासन द्वारा अनुबंध पर तालाब दिया जाता हैं। मत्स्य विभाग अंतर्गत मछुआ समितियों का पंजीकृत कर इस व्यवस्था को संचालित किया जाता है। जिले में बीते कई वर्षों से इस कार्य में अधिकारियों द्वारा मनमानी की जा रही है। मछुआ समाज के लोगों को लीज पर तालाब ना देकर अन्य समाज के लोगों को उपकृत किया जा रहा है। इससे मछुआ समाज के सामने भरण-पोषण का संकट उत्पन्न हो रहा है।
कहा कि आदर्श मछुआ सहकारी मर्यादित समिति खवासा के पंजीयन क्रं. 333 को पोटिया जलाशय 10 वर्षीय पट्टे पर सन 2016 से 26 तक कलेक्टर द्वारा प्रदाय किया गया है। लेकिन ग्राम के असामाजिक तत्वों द्वारा समिति के सदस्यों को मत्स्याखेट से रोका जा रहा हैं। इससे समिति द्वारा लिखित रूप से पुलिस से सुरक्षा मांगी गई। पुलिस बल के सामने मत्स्याखेट करने से रोका गया। पुलिस के सामने ही समिति की महिला सदस्य पार्वती बाई बरमैया पर हंसिया से वार कर घायल कर दिया गया। थाना प्रभारी मनोज गुप्ता की मौजूदगी में हुई इस घटना के बाद भी दोषियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं। दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर दंडित किया जाए। जलाशय में मत्स्याखेट के दौरान आदर्श महिला समिति के सदस्यों की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस बल प्रदान किया जाए।

मछली पालन, मत्स्य बीज केन्द्र जेवनारा में लॉकडाउन के समय (जून-जुलाई माह) जेवनारा निवासी मछुआ समुदाय के 25 लोगों से बीज विभाग द्वारा बीज केन्द्र में दैनिक मजदूरी पर कार्य करवाया गया। इसकी मजदूरी अब तक प्राप्त नहीं हुई है, यह तत्काल दिलवाई जाए। समाज की जिलाध्यक्ष कविता कहार, समिति सदस्य राजू कहार, ऋषभ बरमैया, दिनेश सोनवाने, मनीष कश्यप, नंदन कश्यप, मेरचंद, खेमचंद कश्यप, शिव बरमैया, नंहेलाल, मनीष बरमैया, मुन्ने, रामेश्वर कुमार, प्रताप सिंह, जीवनलाल, दुलीचंद, चैतराम, शिवप्रसाद, हरीप्रसाद, श्रीराम गौर आदि मौजूद रहे।
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