डीइओ, बाबू पर आरोप लगाने वाला अध्यापक हुआ बहाल
सिवनीPublished: Oct 18, 2018 11:52:14 am
कलेक्टर के निर्देश पर हुई बहाली, डीइओ ने जारी किया आदेश
सिवनी. बोर्ड परीक्षा के दौरान लापरवाही बरते जाने के प्रकरण में निलंबित अध्यापक अंतराम नागोत्रा ने जिला शिक्षा अधिकारी पर बाबू के माध्यम से राशि मांगे जाने का आरोप लगाया था। इस सम्बंध में कलेक्टर को भी लिखित शिकायत की थी। तब यह प्रकरण काफी चर्चा में रहा था।
उक्त अध्यापक द्वारा कलेक्टर गोपालचंद्र डाड के समक्ष बीते दिनों क्षमा-याचना की गई थी, जिस पर शिक्षक की बहाली के निर्देश दिए गए थे। जिसे जिला पंचायत सीइओ के अनुमोदन उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा बहाल करते हुए पांडियाछपारा के शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी एसपी लाल ने जारी आदेश पत्र में कहा है कि मण्डल द्वारा आयोजित हाइस्कूल परीक्षा वर्ष २०१८ में स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के परीक्षा आवेदन पत्र संस्था में उपलब्ध डमी परीक्षा आवेदन पत्र से मिलान किए जाने के उपरांत भी दो परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र मण्डल मुख्यालय भोपाल को ऑनलाइन कराए जाने के उपरांत हुई त्रुटि को विद्यालय प्रमुख के संज्ञान में नहीं लाए जाने, त्रुटिपूर्ण परीक्षा आवेदन पत्र संस्था प्रमुख से अग्रेषित कराए जाने, परीक्षा प्रवेश पत्र जिला स्तरीय समन्वयक संस्था से प्राप्ति उपरांत परीक्षा दिवस तक उपलब्ध उपस्थिति पत्रक से मिलान न किए जाने से कार्यालयीन आदेश दिनांक १५ मार्च २०१८ के द्वारा निलंबित किया गया था।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि सम्बंधित को समयावधि में आरोप पत्र जारी कर जवाब चाहा गया था। जवाब समाधानकारक न पाए जाने पर विभागीय जांच कराई गई। तब प्रस्तुत प्रतिवेदन से यह स्पष्ट है कि नागोत्रा द्वारा माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा संचालित हाइस्कूल परीक्षा (स्वाध्यायी) कार्य में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे दो छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया था।
कहा कि निलंबित अध्यापक अंतराम नागोत्रा शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय केवलारी को निलंबन से बहाल कर शासकीय माध्यमिक शाला पांडियाछपारा संकुल केन्द्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पांडियाछपारा विकासखण्ड केवलारी में पदांकित किया जाता है। विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित पाए जाने के कारण मप्र मप्र पंचायत सेवा नियम के तहत लघुशास्ति के अंतर्गत ०१ वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। चर्चा है कई दिनों पहले कलेक्टर द्वारा इस अध्यापक के बहाली के आदेश दिए गए थे, लेकिन उस पर डीइओ कार्यालय से कार्रवाई में देरी की जा रही थी, पुन: कलेक्टर के संज्ञान में लाए जाने के उपरांत, उन्होंने डीइओ से जवाब-तलब किया तब तत्काल बहाली आदेश जारी किया गया है।