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विधायक और पूर्व विधायक की अनदेखी से मतदाताओं में निराशा

locationसिवनीPublished: Sep 15, 2018 11:36:40 am

Submitted by:

sunil vanderwar

भाजपा-कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत वाले बूथों की ग्राउंड रिपोर्ट

bjp congress

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संतोष दुबे सिवनी. विधानसभा चुनाव 2013 में लखनादौन क्षेत्र के बूथ क्रमांक 102 पर कांग्रेस और बूथ क्रमांक 236 पर भाजपा को सर्वाधिक वोट मिले थे। इसके बावजूद भी यहां वर्तमान में विधायक की अनदेखी और हारे हुए उम्मीदवार के भी नहीं पहुंचने से मतदाताओं में निराशा ही देखने को मिल रही है। सबसे ज्यादा तकलीफ समनापुर क्षेत्र लोगों को एनएच-7 से बैल बाजार रोड के नही बनने से हो रही है। जबकि यहां बैलबाजार भरता है और सालाना आय काफी होती है। इसके बावजूद भी अभी तक यहां की सड़कें और नालियों को बनाने में किसी ने कोई दिलचस्पी नहीं ली है। वहीं पाठादेवरी में भी विकास कार्य ठप हैं।
इस बूथ पर साहू व यादव समाज का बाहुल्य है। इसके साथ ही यहां मजदूर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। नगर पालिका होने के कारण वार्ड में काम तो हुए हैं लेकिन यहां भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जरा भी ध्यान नहीं दिया है। भाजपा के कार्यकर्ता उनकी मेहनत से ही इस बूथ से 2013 में भाजपा उम्मीदवार शशि ठाकुर (मरावी) को सर्वादिक 639 वोट मिले थे। जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के योगेन्द्र सिंह बाबा को 212 व राजेश्वरी उईके को महज 11 वोट मिले थे। यहां भाजपा को अधिक वोट मिलने के बाद भी न तो कभी क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने गंभीरता से दिखाई और न ही विजयी रहे योगेन्द्र सिंह बाबा ने। वार्डवासियों में रिंकू शुक्ला, धीरेन्द्र राकेशिया, प्रमोद झारिया आदि ने कहा कि दूसरे वार्डों में विधायक निधि दी गई लेकिन यहां कुछ नहीं दिया गया।
बैल बाजार की नीलामी हर साल लगभग 15 लाख की होती है लेकिन न तो पक्की सड़क बनी है और न ही नालियां। यहां लगभग 25 साल पहले दो सीसी रोड बनी थी जो जर्जर हो गई है। विजय सोनी के घर से राम भरोस तक सड़क में डस्ट मुरम से ही काम चल रहा है। 70 साल पुराना मोक्षधाम है जिसका सीमांकन नहीं हुआ और निर्माण कार्य भी नही हुआ है।
कांग्रेस का परंपरागत वोट माना जाता है यह गांव। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में गांव के मतदाताओं ने कांग्रेस को एकतरफा वोट दिया। वर्तमान में कांग्रेस के विधायक योगेन्द्र सिंह बाबा हैं। यहां से कांग्रेस को सर्वाधिक 601 वोट मिले थे। जबकि प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उम्मीदवार शशिठाकुर (मरावी) को महज 231 और राजेश्वरी उइके को 33 वोट मिले थे। गांव में विकास कार्यों के नाम पर यहां कुछ भी नजर नहीं आता है। ग्रामीणों में सुरेश, मालती, घनश्याम, यदू, पुसुलाल, छदामीलाल, मनीराम, फूलवती, श्याम सिंह आदि ने बताया कि चुनाव के बाद इस गांव में न तो भाजपा के और न ही कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने झांक कर देखा है। विकास से पिछड़ा गांव
विकास के नाम पर गांव में कुछ नहीं हुआ है। मुख्य मार्ग से गांव पहुंच मार्ग की स्थिति भी ठीक नहीं है। ग्राम निवासी राजू के घर से राजकुमार के घर तक सड़क कच्ची है। इसी प्रकार गांव की अन्य छोटी-बड़ी सड़कें भी कच्ची हैं। सीसी रोड बनाए जाने के लिए कई बार मांग की गई लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। चुनाव के समय विकास के नाम पर दोनों बड़ी पार्टी के उम्मीदवारों ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं व वादे किए लेकिन इन चार वर्षों में यहां न तो पक्की सड़कें बनीं है और न ही सड़क किनारे नालियों का निर्माण किया गया है। पुलिया का निर्माण भी नहीं हुआ है।

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