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जिले में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध का नहीं दिख रहा असर

locationसिवनीPublished: Jun 26, 2019 11:41:51 am

Submitted by:

sunil vanderwar

गठित टीम नहीं दिख रही जिले में सक्रिय

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सिवनी. जिले में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद नदी व इससे जुड़े जलाशयों से बेधड़क मछली निकाली जाकर बाजारों तक पहुंचाई जा रही है। गौरतलब है कि नदी क्षेत्र से जुड़े जलाशयों से मत्स्याखेट, विक्रय, मत्स्य विनियम तथा परिवहन पर पूर्णत प्रतिबंध लगाने के आदेश कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा जारी किए गए हैं। इन आदेशों का पालन कराने गठित टीम सक्रिय नजर नहीं आ रही है।
जारी हुआ था ये आदेश –
उपसंचालक मत्स्योद्योग सिवनी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) की दृष्टि से उन्हें संरक्षण देने के लिए राज्य के सभी प्रकार के जल संसाधनों में मप्र नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा 3, 2 के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त की अवधि बंद ऋतु घोषित किया जाकर इस अवधि में सभी प्रकार का मत्स्याखेट पूर्णत निषिद्ध किया गया है। साथ ही मत्स्य विक्रय, विनिमय तथा परिवहन करना पूर्णत: प्रतिबंधित है।
निरीक्षण, कार्रवाई पर टीम फेल –
कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा प्रतिबंधित अवधि में अवैधानिक मत्स्याखेट पर नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर सात सदस्यीय दल का गठन किया गया है। जिसे संपूर्ण जिला जिसमें बरगी जलाशय अंतर्गत जिले की सीमा से लगे ग्राम एवं भीमगढ जलाशय अंतर्गत ऐसे निर्दिष्ट एवं संवेदनशील क्षेत्र जहां से अवैधानिक मत्स्याखेट की भारी संभावना है उन क्षेत्रों में परिवहन के मार्गों व बाजारों में सतत निगरानी रखते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। इस गठित दल के साथ कार्य करने के लिए दो होमगार्ड सैनिक भी बतौर सहयोगी भी शामिल किए गए हैं। हालांकि ये टीम न तो निरीक्षण और न ही बाजार में समझाइस या कार्रवाई करने पहुंच रही है। ऐसे में मत्स्याखेट पर नियंत्रण नहीं लग पाया है।
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