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रिकॉर्ड में छात्रा दो साल से उपस्थित, आश्रम में अनुपस्थित

locationसिवनीPublished: Mar 15, 2019 09:51:56 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

कलक्टर ने सहायक आयुक्त को तलब किया तो हुआ खुलासा, दो निलंबित, एक सेवानिवृत्त पर भी कार्रवार्ई का निर्देश

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रिकॉर्ड में छात्रा दो साल से उपस्थित, आश्रम में अनुपस्थित

सिवनी. आदिवासी कन्या आश्रम आदेगांव से 12 मार्च को बालिका के भागने और दूसरे दिन एक महिला और पुरुष भृत्य द्वारा पकड़ कर लाए जाने के मामले मे अब नया खुलासा हुआ है। कलक्टर ने ‘पत्रिकाÓ में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेने के बाद आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त को शुक्रवार को कार्यालय में तलब किया। पूरे मामले की जानकारी ली। कलक्टर को जब पता चला कि दो साल से उक्त छात्रा आश्रम में उपस्थित नहीं रहती है और उसकी उपस्थिति दर्शाकर शिष्यावृत्ति व भोजन व्यय की राशि का आहरण कर वित्तीय अनियमितता की गई है तो उन्होंने तत्काल उक्त अवधि में तैनात दो अधीक्षिक को निलंबित कर दिया। सेवानिवृत्त एक अधीक्षिका से वसूली किए जाने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 12 मार्च को उक्त आश्रम से एक छात्रा रात को किसी समय फरार हो गई। छात्रा को सुबह में आश्रम के कर्मचारी पकड़कर लाए। इस संबंध में सहायक आयुक्त सत्येंद्र सिंह मरकाम का कहना था कि आश्रम से भागने वाली छात्रा कक्षा आठवीं में पढ़ती है। उसके पिता ने उसे परीक्षा के लिए आश्रम में छोड़ा था। वहां से वह रात को किसी समय भाग गई। सुबह में उसे पकड़ कर लाया गया। छात्रा आश्रम में नहीं रहती है, लेकिन उसका नाम आश्रम में चल रहा है। नियम में सात दिवस तक आश्रम से अनुपस्थित रहने पर नाम काटने का प्रावधान है, जबकि उक्त छात्रा का दो वर्ष से आश्रम में नाम चल रहा है। इसके बावजूद 12 से 15 मार्च के बीच कोई कार्रवाई नहीं हुई। कलक्टर ने जब सहायक आयुक्त को तलब किया तो देखते ही देखते उक्त राज खुल गए। कलक्टर ने प्रधान पाठक व वर्तमान अधीक्षिका प्रजेश पंद्रे, सहायक शिक्षक व तत्कालीन अधीक्षिका किरण नेमा को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में नेमा का मुख्यालय छपारा और पंद्रे का कुरई रहेगा। इस मामले में सेवानिवृत्त अधीक्षिका रमाबाई का नाम भी सामने आया है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने का फरमान जारी किया गया है।
इनके कार्यशैली की भी होगी जांच
मंडल संयोजक, डीडीओ, संकुल प्राचार्य इनकी जिम्मेदारी है कि ये लोग नियमित निगरानी करेंगे। क्षेत्र संयोजक, सहायक संचालक और सहायक आयुक्त को भी आश्रम की जांच करनी होती है। इनलोगों ने वहां कितनी बार जांच किया? जांच में क्या देखा? रजिस्टर देखा या नहीं? यदि देखा तो रजिस्टर के अनुसार छात्राओं को मिलान किया गया कि नहीं? यदि किया तो संबंधित छात्रा उनको क्या उपस्थिति मिली। साथ ही यह आश्रम कहीं जिले में एक बानगी मात्र तो नहीं है? कहीं और ऐसे कारनामा तो नहीं हो रहा है? आदि बिंदुओं पर जांच कराए जाने का आश्वासन कलक्टर प्रवीण सिंह ने दिया है।

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