चुनावी वायदे और मुफ्त की योजनाएं, पढि़ए क्या कहते हैं लोग
चुनाव के पहले और बाद की विसंगतियों पर कही मन की बात
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सिवनी. वर्तमान में चुनाव की अनेक विसंगतियों को लेकर विधी छात्रों ने वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन प्रारंभ किया है, जिसमें ज्वलंत विषय को लेकर अपनी राय रखते हुए उन विसंगतियों को दूर करने के लिए लोगों ने सुझाव रखे। डीइओ आफिस के पास निजी महाविद्यालय परिसर में आयोजित इस प्रतियोगिता में विषय चुनावी वायदे और मुफ्त की योजनाएं जनहित में उपयोगी या अनुपयोगी विषय पर अपनी राय रखने को लेकर आयोजित की गई थी। यह प्रतियोगिता प्रति शनिवार आयोजित किया जाएगा।
तय विषय पर एडवोकेट अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के दौरान सत्ता में आने के लिए उम्मीद्वार लोगों को मुफ्त की योजनाओं के माध्यम से सब्जबाग दिखाते हैं लेकिन बाद में इसका परिणाम लोकहित में नहीं होता। ऐसी स्थिति में लोग अपने आपको ठगा सा महसूस करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शासन ने तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से वृद्धों को तीर्थ के दर्शन तो कराए मगर इस योजना से वृद्धजन उनके लोकलुभावने उद्देश्यों में नहीं आए और उन्हें सत्ता से दूर कर दिया।
इसी तरह विधी प्रमुख डॉ रामकुमार चतुर्वेदी ने कहा कि चुनाव के पहले बनाया गया घोषणा पत्र इस उद्देश्य से बनाया जाता है जिसे देखकर लोग आकर्षित होकर उन्हें सत्ता में लाएं, लेकिन बाद में मुफ्त की योजनाओं के कारण इसका भार मध्यम परिवार पर पड़ता है। इसलिए ऐसी योजनाओं को लागू करने से पहले अनेक बार विचार किया जाना चाहिए और मतदाता को चाहिए कि वह घोषणा पत्र को गंभीरतापूर्वक पढ़े और अपने विवेक से प्रत्याशी का चयन करें।
प्रो. महेन्द्र नायक ने कहा कि योजनाएं कोई बुरी नहीं होती लेकिन योजनाओं के क्रियान्वयन के दौरान इसका दायित्व सुपात्र लोगों के हाथों में दिए जाने से इसके परिणाम अच्छे मिलते हैं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम लोगों के सामने आते है। प्रो. अन्नपूर्णा शुक्ला ने कहा कि शासन ने चाहे कन्यादान योजना या फिर छात्रवृत्ति योजना या अन्य योजनाएं प्रारंभ की लेकिन शिक्षा के अभाव में लोगों ने इन योजनाओं को गंभीरता से नहीं लिया और आज यह लोग लाभ से वंचित हैं। दुबे ने कहा कि हर आदमी को स्वतंत्र अधिकार है। योजनाएं प्रारंभ करना तथा चुनाव में लाभ प्राप्त करना अपराध को जन्म देता है। इस संबंध में विचार की आवश्यकता है। आयोजन के दौरान मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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