scriptभैरव बाबा के जन्मोत्सव में लगेगा मेला | Fair will be organized in Bhairav Baba's birthday | Patrika News

भैरव बाबा के जन्मोत्सव में लगेगा मेला

locationसिवनीPublished: Nov 15, 2019 11:36:38 am

Submitted by:

mantosh singh

कालभैरव, वटुक भैरव, दूधिया भैरव सहित माता अन्यपूर्णा विराजमान है।

भैरव बाबा के जन्मोत्सव में लगेगा मेला

भैरव बाबा के जन्मोत्सव में लगेगा मेला

सिवनी/आदेगांव. जिले से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर लखनादौन विकास खंड की ग्राम पंचायत आदेगांव जो बाबा भैरव नगरी छोटी काशी के नाम से जानी जाती है। जहां 19 नवंबर को बाबा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यहां शिखर पे बने प्राचीन किले के अंदर बने मंदिर में बाबा श्री कालभैरव, वटुक भैरव, दूधिया भैरव सहित माता अन्यपूर्णा विराजमान है। इस कारण समूचे क्षेत्र में इनके दर्शनों का अलग ही महत्व है। साथ ही श्यामलता एवं चम्पों के वृक्ष का संगम भी जिनके दर्शनों के लिए स्थानीय व आसपास जिले सहित अन्य प्रदेशों से भी दर्शनार्थियो का आनाजाना लगा रहता है।
आयोजन की तैयारियां पखवाड़े पूर्व से आरंभ कर दी जाती है। मंदिर प्रांगण की विशेष साजसज्जा के उपरांत बाबा का जन्मोत्सव अष्टमी की पूर्व रात्रि 12 बजे मंदिर में ढोल नगाड़ों व आतिशबाजी के साथ केक काटकर वैदिक मंतोरचरण के साथ पूजन से किया जाता है। प्रात: 04 बजे से पूजन हेतु श्रद्धालुओ का आना जाना आरम्भ हो जाता है जो मध्य रात्रि तक जारी रहता है। इस दिवस भैरव नाथ को महाभोग अर्पण कर भंडारे का आयोजन किया जाता है। जो सुबह से देर रात्रि तक चलता है। प्रसाद के साथ स्वल्पाहार हेतु खीर, पूड़ी, हलवा पुलाव आदि को भंडारे के रूप में बांटा जाता है। जिसका आयोजन स्थानीय नगर वासियो के सहयोग से किया जाता है।
इस दिवस सम्पूर्ण नगरवासी तनमन धन से बाबा महाकाल की सेवा के अवसर का लाभ उठाते है। काल भैरव अष्टमी में बाबा के दर्शनों हेतु भक्तो की लंबी कतार कई वर्षों से देखने को मिलती है। यह दिवस बाबा भैरव के जन्मोत्सव के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस एक दिन में कई हजार दर्शनार्थी बाबा के दर्शनों का लाभ लंबी कतारों में लगकर लिया करते है तो वही श्यामलता के दुर्लभ वृक्ष से भेंट कर खुद को धन्य महसूस करते है।
इस वृक्ष की मान्यता है कि श्यामलता में भगवान श्रीकृष्ण एवं चम्पो में राधारानी का वास होता है ओर ये दोनो ही वृक्ष की शाखाएं एक दूजे से सटी हुई है। ऐसा अनोखा संगम संपूर्ण भारत देश में विरले ही स्थानों पर पाया गया है। जानकारों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि श्यामलता व चंम्पो के वृक्ष की पहचान सैकड़ों वर्ष पहले नगर में पधारे करपात्री जी महाराज ने की थी। इनका महत्व बतलाया था तब से स्थानीय लोगो द्वारा इनका संरक्षण किया जाने लगा व दर्शन पूजा का क्रम आरम्भ हुआ।
वर्षो पहले अपने अल्पकालीन प्रवास के दौरान जगत गुरु स्वामी स्वरूपानंद स्वामी सरस्वती महाराज द्वारा आदेगांव को सिवनी जिले की धर्मराजधानी का दर्जा मंच से उद्बोधन के दौरान दिया गया था। साथ ही स्थानीय विधायक निधि से किले के समीप संक्रचार्य पार्क निर्माण कराने की भी घोषणा की गई थी। हालांकि उसका कार्य अभी आरम्भ नहीं किया गया है। कालभैरव सेवा समिति द्वारा समस्त धर्मप्रेमियों से भैरवनाथ के जन्मोत्सव में सम्लित होने की बात कही गई है।
साथ ही स्थानीय पंचायत कर्मियों से आयोजन पूर्व सम्पूर्ण नगर की साफ-सफाई व्यवस्था को बहाल करने व नगर के मुख्य मार्गो में लाबारिस कई तरह पड़ी निर्माण सामग्री या मलमा हटाए जाने की मांग की जा रही है। जिससे आवागन में राहगीरो को समस्या का सामना न करना पड़े।
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