लो अब बढ़ गई पंजीयन की तिथि
सिवनीPublished: Sep 03, 2018 11:18:16 am
कलेक्टर को मिला शासन का निर्देश
Bonus to farmers distributed in Kisan Sammelan
सिवनी. प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, मोटा अनाज और अन्य फसलों के लिए किसान पंजीयन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। पंजीयन की तिथि बढ़ाकर 20 सितम्बर कर दी गई है। इस संबंध में गत दिवस निर्देश जारी किए गए हैं। पहले अंतिम तिथि ११ सितम्बर थ ी ।
कलेक्टर को जारी निर्देश में कहा गया है कि पंजीयन का कार्य सुबह सात से रात्रि नौ बजे तक कराया जाए। किसानों द्वारा खसरा अथवा वन अधिकार पट्टे इत्यादि में से कोई एक दस्तावेज साक्ष्य की स्व-प्रमाणित छायाप्रति ली जाए। किसानों से राजस्व विभाग का अलग से प्रमाणीकरण नहीं मांगा जाए। अब भू-अधिकार ऋण पुस्तिका की अनिवार्यता नहीं होगी। जारी किए गए निर्देश में 23 अगस्त 2018 के अनुरूप किसानों का एक ही बैंक खाता पर्याप्त होगा। उनसे दूसरे बैंक खाता क्रमांक की मांग नहीं की जाए।
बीते दिवस जारी निर्देशों में कहा गया है कि संयुक्त भूमि खाते की स्थिति में समस्त खाताधारियों का पंजीयन केन्द्र पर उपस्थिति अथवा उनसे किसी प्रकार की सहमति और शपथ पत्र लिए जाने के निर्देश नहीं हैं। संयुक्त खाताधारियों की स्थिति में किसी एक खाताधारी द्वारा आवेदन दिए जाने पर पंजीयन किया जाए। पंजीयन केन्द्र खोलने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया गया है। अतिरिक्त केन्द्र खोलने की स्थिति में जिला कलेक्टर, संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति से अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने गत दिवस फसलों के पंजीयन के संशोधित निर्देशानुसार जिला कलेक्टर को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए कहा है। इस संबंध में सचिव कृषि उपज मंडियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
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खरीफ फसल के पंजीयन प्रक्रिया से परेशान है किसान
छपारा. वर्तमान समय में खरीफ की फसल धान, मक्का खेतों में लहलहा रही है। उधर प्रशासन की खरीफ फसल के पंजीयन प्रक्रिया से किसानों को घंटो लाइन में लगना पड़ र हा है। इससे उनको परेशानी हो रही है। यह बात कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह ठाकुर ने कही है।
उनका कहना है कि पूर्व में उप केन्द्रों में रजिस्ट्रेशन असानी से हो रहा था। इस वर्ष रजिस्ट्रेशन उप केन्द्रो में ना होकर मुख्य केन्द्र में हो रहा है, जिससे खरीदी केन्द्र में किसानों की लंबी कतारे एवं भीड़ लग रही है। रजिस्टे्रशन प्रक्रिया में अनेक व्यवधान सर्वर डाउन होना, खसरा पर दर्ज नाम बटवारा के बाद पूर्व के नाम का आना, ऐसी अनेक परेशानियों के बीच किसान रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है।
रजिस्ट्रेशन नए नियमानुसार होने से ग्रामीण किसानों में भय है कि कही खरीदी उपकेन्द्र बंद ना हो जाए। इस वर्ष अबादी को ध्यान में रखकर प्रशासन किसानों का पंजीयन करा रही है, जिससे खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था बनी हुई है। विधायक सिंह ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्व की तरह उपकेन्द्रों में किए जाने एवं खरीदी उपकेन्द्रों को यथावत किए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों से पत्राचार किया है। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि पंजीयन पूर्व की भांति उप केन्द्रो में की जाए। पंजीयन करने वाले आपरेटरों की संख्या बढ़ाई जाए, रजिस्ट्रेशन की समयावधि बढ़ाई जाए। साथ ही पंजीयन केन्द्रों में किसानों के लिए बैठक व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था का उचित इंतजाम किया जाए।