किसानों का कहना है कि जिले के 121 केन्द्रों के करीब 10 हजार किसान अभी धान बेचने से वंचित रह गए हैं। जिले के सात केन्द्रों के आकड़ों पर नजर डाले तो धान बेचने से वंचित किसानों की संख्या दो हजार के पार पहुंच गई है। इसकी जानकारी के बाद क्षेत्र क्रमांक दो की जिला पंचायत सदस्य सरिता घनश्याम सनोडिय़ा ने कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग को ज्ञापन सौंपकर किसानों का धान खरीदने के लिए पोर्टल खुलवाएं जाने की बात कही है। उन्होंने सात केन्द्रों पर बचे किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेचे जाने वाले धान की जानकारी भी क्विंटल में दी है। कहा है कि किसानों में असंतोष है। यदि किसानों का धान नहीं लिया गया तो किसान सडक़ पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। किसान अब भी केन्द्रों पर धान रखकर बैठे हुए है। कुछ किसानों के धान बारदाने में है तो कई के खुले में पड़े हुए है।
खरीदी केन्द्र का नाम – किसान की संख्या – अनुमानित मात्रा
चावड़ी 400 28000 क्विंटल
सीलादेही 29 3600 क्विंटल
कारीरात 390 30000 क्विंटल
मड़वा 480 29000 क्विंटल
लखनवाड़ा 140 11000 क्विंटल
गोपालगंज 400 30000 क्विंटल
उड़ेपानी 250 15000 क्विंटल
कुल 2089 146600 क्विंटल
– सरिता घनश्याम सनोडिया, जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक दो
– रघुवीर पटेल, मध्य भारत के प्रगतिशील किसान।
अंतिम दिन भी केन्द्र पर छाया रहा अव्यवस्था का आलम, दोपहर में बंद हो गया पोर्टल
सिवनी. धान उपार्जन केन्द्र गोपालगंज के केंद्र प्रभारी रामनाथ डेहरिया ने बताया कि 391 किसान बचे हैं, जिनसे खरीदी की जानी है। उक्त केन्द्र पर अंतिम दिवस गुरुवार को बारदाने आए, लेकिन वे भी आधे ही थे। इससे जिन किसानों के धान बिकने थे। उनको भी पूरे बारदाने नहीं मिल पाए। किसानों ने तौलाई व भाराई के लिए पैसे भी दिए।