भावन्तर की राशी के लिए भटक रहे किसान
सिवनीPublished: May 14, 2019 11:23:24 am
तहसील और मंडी के चक्कर लगा रहे हैं।
भावन्तर की राशी के लिए भटक रहे किसान
सिवनी. तहसील अंतर्गत आने वाले बिछुआ और बर्रा ग्राम पंचायत के 40 किसानों के खाते में भावंतर की राशि नहीं मिलने से लोग तहसील और मंडी के चक्कर लगा रहे हैं। अपनी शिकायत में सुमेर सिंह राजपूत, गोपाल सिंह राजपूत, मनोहर सिंह राजपूत, नन्ही बाई, शारदा बाई, खरक सिंह ऐसे लगभग तीन दर्जन से भी ज्यादा किसानों ने बताया कि बर्रा बिछुआ ग्राम हल्का पटवारी नंबर 40.2 एवं 43.2 के सभी किसानों की भूमि पर उनके द्वारा मक्का की फसल बोई गई थी। तथा मक्का के विक्रय पंजीयन कराते हुए मक्का को कृषि उपज मंडी पर रजिस्ट्रेशन तथा शासन के नियमों के आधार पर विक्रय भी किया गया था। किंतु संबंधित हल्का पटवारी के द्वारा समुचित रूप से उक्त कृषकों की कृषि भूमि की गिरदावरी ऑनलाइन रिकॉर्ड में अपडेट नहीं कराई गई है। जबकि संबंधित हल्का पटवारी के रिकॉर्ड रजिस्टर जिसमें वह मौके पर जाकर उन्होंने जो निरीक्षण के पश्चात तैयार किया जाता है। उस पर स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि सभी किसानों ने अपने कृषि भूमि पर मक्का लगाया था। किंतु पटवारी के द्वारा ऑनलाइन अपडेटशन ना करा पाने से हम सभी कृषकों को मिलने वाली भावंतर की राशि से वंचित होना पड़ रहा है। जिससे हम कृषक अपूर्णनीय क्षति हो रही है। तथा शासन की योजना के लाभ से भी वंचित होना पड़ रहा है। सभी किसानों ने तहसीलदार से मामले की जांच कराते हुए सभी आवेदकों को भावंतर की राशि दिलाए जाने की गुहार लगाई है।
जब मंडी के सचिव आरपी बहेलिया से इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि इसमें मंडी की तरफ से कोई भी चूक नही हुई है। यदि सम्बन्धित पटवारी ने गिरदावली करने के बाद ऑनलाइन नहीं चढ़ाया तो यह राजस्व विभाग की गलती है। हलाकी यह तकनीकी गल्ती ठीक होते ही इन किसानों को भी भावन्तर की राशी का भुगतान मिल जाएगा।
इनका कहना है-
40 किसानों का मामला मेरा संज्ञान में आया है। सम्बन्धित हल्का पटवारी के अस्वस्थ रहने से शायद यह ऑनलाइन अपडेशन नहीं हो पाया था। इस विषय पर कलेक्टर से भी चर्चा की गई तो उन्होंने भी कहा कि जितने भी किसानों का भावन्तर की राशी नहीं मिली है। उसकी सूची बनाकर दो। जल्द ही इनका निराकरण करके आदर्श आचार संहिता के बाद इनका भुकतान हो जाएगा।
नितिन गोंड़, तहसीलदार छपारा