scriptखेती-किसानी – किसान ने बदला खेती का तरीका, बदल गई किस्मत | Farming - Farmer changed the way of farming, changed luck | Patrika News

खेती-किसानी – किसान ने बदला खेती का तरीका, बदल गई किस्मत

locationसिवनीPublished: Sep 15, 2019 04:42:23 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

सिवनी जिले के खमरिया के किसान दिनेश बघेल की दास्तान

खेती-किसानी - किसान ने बदला खेती का तरीका, बदल गई किस्मत

खेती-किसानी – किसान ने बदला खेती का तरीका, बदल गई किस्मत

सुनील बंदेवार सिवनी. पहले दादा, फिर पिता और खुद सिवनी के चांवड़ी-खमरिया निवासी दिनेश बघेल भी वर्षों से ५ एकड़ में पानी की कमी, खरपतवार जैसी समस्या के बीच खूब मेहनत से पारम्परिक फसल गेहूं-मक्का, सोयाबीन की खेती कर रहे थे, लेकिन उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं होता था। ऐसे में दिनेश ने कुछ नया करने की सोची और अपनी खेती के तरीके को बदला। इस बदलाव ने उनको इतना मुनाफा दिया, कि पिछले तीन साल से दिनेश सिर्फ उद्यानिकी फसलें ही लगा रहे हैं।
खमरिया निवासी दिनेश बघेल बताते हैं कि पारम्परिक खेती में खूब मेहनत के बाद भी कम मुनाफे को देखते हुए मन खेती से दूर हो रहा था। इसी बीच उनकी मुलाकात उद्यानिकी विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी संतोष बघेल से हुई। जब चर्चा हुई तो कृषि विस्तार अधिकारी ने उन्हें खेती के तरीके में बदलाव लाने व सरकारी मदद की जानकारी दी।
तीन साल पहले ५ एकड़ में सिंचाई के लिए ड्रिप और खरपतवार से मुक्ति के लिए मल्चिंग लगाई। इसके लिए उद्यानिकी विभाग ने अनुदान की मदद भी मिली। तब खेत में उद्यानिकी फसलें लगाने की शुरुआत की। कृषक दिनेश बघेल ने बताया कि नए तरीके से खेती करते हुए उन्होंने बीते साल ६५ हजार की कुल लागत पर ढाई लाख रूपए मुनाफा कमाया। वह भी पहले के मुकाबले कम मेहनत किए।
कृषक दिनेश ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने जून महीने के अंतिम दिनों में अपने खेत में बेंगन ढाई एकड़, बरबटी एक एकड़, खीरा (ककड़ी) डेढ़ एकड़ में लगाई है। ड्रिप सिस्टम से कम पानी के बावजूद पौधों को पर्याप्त पानी मिल रहा है। मल्चिंग लगाने से खरपतवार-निंदाई की समस्या दूर हो गई। कम उर्वरक लग रहा है। बताया कि इस वर्ष खेत में लगाए खीरा पर ६२ हजार की लागत में अब तक एक लाख ९० हजार की आय हो चुकी है। इसी तरह बरबटी में ४५ हजार लागत आई है, जो कि एक-एक दिन के अंतराल से तीन-तीन क्विंटल बरबटी तुड़ाई हो रही है।
दिनेश बताते हैं कि उन्होंने खेती का तरीका बदला और कम मेहनत, कम पानी और कम परेशानी में अधिक मुनाफा ले रहे हैं। अब इनके खेत और खेती के तरीके को देखने और समझने के लिए दूसरे किसान आ रहे हैं। दिनेश कहते हैं खेती का तरीका बदलने से ही उनकी किस्मत बदली है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो