गौरतलब है कि जिले में फायनेंस पर ट्रक और डंपर लेने वालों को इन दिनों कंपनियां मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रही है। बताया जा रहा है कि एक से दो इएमआई में विलंब हुआ तो बिना सूचना दिए वाहन जब्त कर संबंधित के नाम से अपने नाम पर बिना स्थानांतरित कराए उसे दूसरे को बेच दिया जा रहा है। धारनाकला निवासी अशरफ अली के साथ ऐसा हुआ तो उन्होंने इसकी शिकायत बरघाट पुलिस से की। इसके बाद जब पता चला कि बिना उनके नाम से स्थानांतरित कराए वाहन को दूसरे व्यक्ति को बेच दिया गया है तो उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत करना शुरू कर दिया।
बिना नाम स्थानांतरण कराए चोरी से जब्त कर बेच दिया डंपर
शहर के हड्डी गोदाम निवासी रियाज मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2012 में डंपर खरीदा था। 1.76 लाख रुपए श्रीराम कंपनी से फायनेंस कराया। बताया कि इएमआई के कुल 27 किस्त करीब 8202 रुपए प्रतिमाह के बने थे। कुछ इएमआई विलंब करते हुए उसने मार्च 2014 तक करीब 2.26 लाख रुपए जमा किए। उनका दावा है कि उस समय लोन का शेष बायलेंस करीब 4465 रुपए थे। इसके बावजूद बिना सूचना दिए अगस्त 2016 में डंपर जब्त कर बिना नाम स्थानांतरण कराए कंपनी ने बेच दिया। कोतवाली थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। एआरटीओ के पत्र में रियाज के वाहन का भी उल्लेख है।
मैंने श्रीराम फायनेंस कंपनी को पत्र जारी कर जवाब मांगा था। उसने जवाब दे दिया है। उसका जवाब गोल-मोल हैं। मैंने कंपनी को मंगलवार को कार्यालय में उपस्थित होकर पक्ष रखने के लिए कहा है। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उनके खिलाफ धारा-420 का प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
– देवेश बाथम, एआरटीओ सिवनी
एआरटीओ का पत्र मिला था। इस संबंध में कंपनी के लीगल सेल ने जवाब प्रस्तुत कर दिया है। यदि उनको इस संबंध में और कोई जानकारी देनी होगी तो लीगल सेल देगी।
– पंकज सोनी, प्रबंधक श्रीराम फायनेंस सिवनी