scriptदेश की संस्कृति को धारण कत्र्तव्यों का करें पालन | Follow up the practices of the country's culture. | Patrika News

देश की संस्कृति को धारण कत्र्तव्यों का करें पालन

locationसिवनीPublished: Jan 25, 2019 08:38:56 pm

Submitted by:

santosh dubey

नगर में हुआ मुनिश्री का आगमन

National festival, Republic Day, Independence Day, Jain Muni, Sagar Maharaj, Rani Lakshmibai, Country, Culture

देश की संस्कृति को धारण कत्र्तव्यों का करें पालन

सिवनी. विकासखंड छपारा के ग्राम भीमगढ़ में शुक्रवार को सुबह जैन धर्मावलंबी के तीन मुनि महाराजाओं का आगमन हुआ। जिसमें धनौरा से जैन समाज के श्रद्धालुओं का आगमन मुनिश्री के साथ हुआ। भीमगढ़ ग्राम के सरस्वती शिशु मंदिर में मुनिश्री ठहरने व आहार की व्यवस्था की गई। यहां पर मुनिश्री महान सागर अपने प्रवचनों में कहा कि हमें हमारे देश की संस्कृति को धारण करते ही कर्तव्य करना चाहिए। मुनिश्री ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई ने विशाल युद्ध किया लेकिन फिर भी इनके सिर से पल्लू नीचे नहीं सरकता था। यह भारतीय संस्कृति की गरिमा है। आज की लड़कियां लड़कों के कपड़े पहनती हैं। जो पाश्चात्य संस्कृति है जो गलत है पहले लोग जन्मदिन में दीपक जलाते थे और अब पाश्चात्य की नकल करके लोग दीपक को हटाकर मोमबत्ती जलाते हैं और फूकतें हैं और प्रकाश से अंधकार की ओर जाते हैं। मुनिश्री ने भगवान श्रीराम और माता सीता की तरह जीवन जीने की बात कही। तात्पर्य यह है कि मनुष्यों को मुनियों की सेवा करना चाहिए संतों की सेवा करना चाहिए आगे मुनिश्री ने कहा कि सभी को जीवन जीने का अधिकार है। किसी भी प्राणी की हत्या नहीं करनी चाहिए। मांस मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। झूठ बोलना नहीं चाहिए पर स्त्री गमन नहीं करना चाहिए। लोगों को अपना जीवन बर्बाद नहीं करना चाहिए मुनिश्री के द्वारा अहिंसा परमो धर्म की शिक्षा दी गई। प्रवचन और अगले गंतव्य की ओर ग्रामीणों के द्वारा उन्हें ग्राम अंजनिया तक विदा किया गया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो