सिवनी

करेंट लगाकर दो वयस्क भालुओं का शिकार, आरोपी गिरफ्त में

दक्षिण वनमंडल, केवलारी परिक्षेत्र के कंचनवाड़ा बीट का मामला

सिवनीJan 17, 2019 / 08:15 pm

akhilesh thakur

करेंट लगाकर दो वयस्क भालुओं का शिकार, आरोपी गिरफ्त में

सिवनी. जिले में बाघ, तेंदुआ व सूकर के बाद अब करेंट लगाकर भालुओं के मारने का मामला सामने आया है। इस बार शिकारियों ने दक्षिण वनमंडल, केवलारी परिक्षेत्र स्थित कंचनवाड़ा बीट के कक्ष क्रमांक आर/एस ५०२ में घटना को अंजाम दिया है। दो भालुओं का शिकार करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार करने का दावा टीम कर रही है।
जानकारी के अनुसार झितर्रा निवासी कन्हैयालाल पवार और महंगाटोला नेवरगांव निवासी गनाराम हलवा के खेत के पास से गुजर रहे हाइटेंशन तार से जीआई तार लगाकर करीब २५० मीटर तक खूंटी लगाकर करेंट फैला रखा था। मंगलवार की देर रात किसी समय दो वयस्क भालू एक नर और एक मादा भालू का जोड़ा करेंट की चपेट में आकर मृत हो गए। दोनों भालू की उम्र करीब 5 वर्ष बताई जा रही है। उनका वजन एक क्विंटल से अधिक था। प्रथम दृष्टया वन विभाग की टीम का मानना है कि करेंट शिकार की नियत से लगाया गया था। भालू की मरने की खबर सबसे पहले वनरक्षक राजेन्द्र परते को मिली। उसने इसकी सूचना वनपरिक्षेत्र अधिकारी केवलारी को दी। एसडीओ केवलारी पीके श्रीवास्तव व वनपरिक्षेत्र अधिकारी केवलारी बीएल पाल दल बल क े साथ घटना स्थल पर पहुंच गए। मौके पर पेंच टाइगर रिजर्व और कान्हा टाइगर रिजर्व से एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड टीम बुलाई गई। टीम की मदद से आरोपियों तक पहुंचा गया। मृत भालुओं का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सक अशोक जैन और अन्य डॉक्टरों की टीम ने किया। पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। शिकार के मामले में आरोपी कन्हैया लाल और गनाराम को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश कर दिया गया।
जिले में सुरक्षित नहीं वन व वन्यप्राणी
जिले में वन व वन्यप्राणियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। विगत माह कान्हीवाड़ा परिक्षेत्र के वन में दर्जनभर लकड़ी तस्कर दिखे थे। उस समय वन विभाग के दस्ते पर हवाई फायरिंग की गई थी। इस दौरान एक गोली वाहन पर भी लगी थी। इ स मामले में केवलारी थाने में प्रकरण दर्ज है। वन विभाग ने भी कुछ आरोपियों को चिन्हित किया है। इसबीच लगातार हो रहे सूकर व हिरण के शिकार के बीच भालुओं को करेंट से मारे जाने की घटना के बाद एक बार फिर वन महकमा सवालों के घेरे में आ गया है। लोगों का कहना है कि यदि संबंधित क्षेत्र में वन विभाग की टीम गश्त करती तो करेंट लगाए जाने की जानकारी होती।
यह भी कारण है वन्यप्राणियों के मौत का
जंगल से लगे क्षेत्र में खेती करने वाले किसान फसल को वन्यप्राणियों से बचाने के लिए करेंट सहित अन्य उपाय अपनाते हैं। इसकी वजह से वन्यप्राणियों की मौत हो रही है। जानकारों की माने तो सबसे अधिक ऐसी घटनाएं जंगल में कब्जा करने खेती करने वाले क्षेत्रों में होती है। क्योंकि शासन की योजना अनुसार वन्यप्राणियों द्वारा फसल का नुकसान पहुंचाने पर किसान को वन विभाग की ओर से आर्थिक मदद की जाती है, जबकि कब् जे वाले जमीन पर यह मदद किसान को नहीं मिल पाती है।

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