नगर पालिका सिवनी की प्रेसीडेंट इन कौंसिल (पीआईसी) की बैठक आठ अगस्त 2019 को प्रस्ताव क्रमांक 47 में जल कर किराया में वृद्धि की गई थी। जिसके मुताबिक घरेलू जल प्रदाय का मासिक किराया 100 रुपए प्रतिमाह। व्यावसायिक मासिक किराया 300 रुपए प्रतिमाह। औद्योगिक मासिक किराया 1000 हजार रुपए प्रतिमाह तय किया गया था। इन्हीं बढ़ी हुई दरों के अनुसार वसूली के लिए तत्कालीन प्रशासक कलेक्टर ने भी संकल्प क्रमांक 1 दिनांक चार मार्च 2022 को पीआईसी के प्रस्ताव के निर्णय अनुसार लिए जाने की सहमति दी गई थी। इसके बाद भी जल कर किराया वृद्धि दर अंतर की राशि आठ अगस्त 2019 के बाद से जमा नहीं हो पाई है। सीएमओ ने शहर वासियों से कहा है कि 2019 के अगस्त महीने के बाद से बढ़ी हुई दर के अनुसार जलकर का भुगतान किया जाए।
जल कर वसूली में लगे कर्मियों को नोटिस
नगर पालिका परिषद का वर्ष 2019 से अब तक शहर वासियों पर साढ़े चार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का जलकर किराया बाकी है। सीएमओ का कहना है कि नगर पालिका के जल कर में लगे कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ये स्थिति बनी है। इसलिए नगर पालिका के उपयंत्री संतोष तिवारी, उपयंत्री विकास मेहरा, लिपिक तनोज राउत, जल कर संग्रहणकर्ता शशि बघेल, दैनिक वेतन भोगी कर्मी राहुल मालवीय, शकुन वाजपेयी, संध्या सोनी, मुकेश हेडाऊ व राजस्व निरीक्षक को नोटिस जारी किया गया है। ताकि जल कर की बकाया राशि जल्द से जल्द जुटाई जा सके। कर्मचारियों को कहा है कि अब वसूली में किसी भी तरह की लापरवाही की गई तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
जल कर्म सभापति भी नाराज
नगर पालिका परिषद सिवनी के जल कर्म सभापति व पार्षद चंदन खताबिया ने कहा कि सीएमओ यदि जल कर वसूली में कर्मचारियों पर सख्ती दिखाते तो जनता पर कोई राशि बकाया नहीं होती। जल कर की राशि नहीं मिलने के कारण नगर के विकास कार्य और बिजली बिल भुगतान समय पर नहीं होने के कारण जल प्रदाय में समस्या आ रही है। अगली बैठक में इस बात को प्रमुखता से रखा जाएगा।
तीन गांव की कटवाई लाइन
नवीन जलावर्धन योजना के तहत भीमगढ़ के संजय सरोवर बांध से सिवनी शहर में जल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई गई। लेकिन रास्ते के कई गांव इस पाइप लाइन से पानी लेने लगे, जिससे शहर में पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं हो पा रही और बार-बार लाइन में फाल्ट की समस्या खड़ी हो रही है। जलकर्म सभापति के मुताबिक कुछ महीने पहले तीन गांव की लाइन कटवाई गई है, ताकि शहर में पर्याप्त पानी आ सके। इसके बावजूद भी फिल्टर प्लांट और टंकियों तक पानी पहुंचाने में बिजली की समस्या आ रही है। हालात ये हैं कि बारिश के दिनों में भी शहरवासियों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। जरूरत वाली जगहों पर बोरिंग कराकर पानी देना पड़ सकता है। पानी की समस्या के कारण शहर वासी नगरीय प्रशासन पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
काम हुआ गड़बड़, बार-बार आ रही समस्या
नवीन जलावर्धन योजना के काम में 11 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए हैं। लेकिन योजना शुरुआत से ही गड़बड़ी के आरोपों से घिरी रही है। पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं। जलावर्धन योजना के काम की हालत ये है कि आए दिन पाइप लाइन में फाल्ट और शहर में पानी की समस्या बनी रहती है। दिन हो रात पाइप लाइन की मरम्मत के लिए अमले को अलर्ट मोड पर रखना पड़ रहा है। रविवार को भी यही स्थिति बंडोल थाना के पास रात में पाइप लाइट फूट जाने से रात 10 बजे जेसीबी से गड्ढ़ा कराकर पाइप लाइन की मरम्मत करनी पड़ी।
इनका कहना है –
नगर पालिका क्षेत्र में जल कर मासिक किराया की वृद्धि वर्ष 2019 में की गई थी, लेकिन वसूली में लगे कर्मचारियों ने इसमें लापरवाही की है। इसके कारण चार करोड़ रुपए बकाया है। अब 90 कर्मचारियों को वसूली के लिए नोटिस दिया है। लापरवाही करने पर उन पर कार्रवाई तय की जाएगी।
आरके कुर्वेती, सीएमओ सिवनी