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धनौरा थाना प्रभारी सहित चार लाइन हाजिर, गौ-तस्करों को संरक्षण देना पड़ा महंगा

locationसिवनीPublished: Nov 28, 2021 10:40:07 am

Submitted by:

akhilesh thakur

थाने में गौ-तस्करों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से की थी झूमा-झपटी, आरोप

Superintendent of Police will do video call, will listen to your complaint

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सिवनी. पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने धनौरा थाना प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है। उन पर गौ-तस्करों को संरक्षण देने का आरोप है। थाना परिसर में गौ-तस्करी की शिकायत करने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ तस्करों ने झूमा-झपटी की थी। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से किया था। उनकी शिकायत के बाद यह कार्रवाई हुई है।
जानकारी के अनुसार बीते दिवस बजरंग दल के कार्यकर्ताओं धनौरा में गौ-तस्करी की सूचना मिलने पर पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। उसी समय बाजार ठेकेदार ने पुलिस के सामने ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट किया था। इसके बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता थाने पहुंचे और गौ-तस्करी करने वालों के खिलाफ नामजद कार्रवाई किए जाने की बात कही। पुलिस अज्ञात के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रही थी। उस समय थाने में मौजूद बाजार ठेकेदार एवं गौ-तस्करों ने वहां भी उनसे झूमा झपटी किया। दोनों जगह पुलिस मूकदर्शक बनी रही। धनौरा पुलिस पर तस्करों से साठगांठ के आरोप के होने की शिकायत भी किए जाने की बात बताई जा रही है। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि गौ-तस्कर एक खेत में २४ नग मवेशियों को बांध कर रखे थे। इस मामले में पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने थाना प्रभारी एसआई एनके धुर्वे, एएसआई रूपेश राहंगडाले, प्रधान आरक्षक रघुवीर इनवाती, आरक्षक अरविंद इनवाती एवं आरक्षक प्रदीप उइके को लाइन हाजिर किया है।
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एएसआई राहंगडाले बीते माह कान्हीवाड़ा से हुआ था निलंबित
एएसआई रूपेश राहंगडाले को बीते माह पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने कान्हीवाड़ा थाना पर तैनाती के समय शिकायत मिलने पर निलंबित किया था। उसके खिलाफ शराब दुकान में चोरी के मामले में शिकायत करने वाले पक्ष के लोगों के साथ मारपीट किए जाने के आरोप लगे थे। इसके पूर्व राहंगडाले के खिलाफ पलारी पुलिस चौकी में तैनाती के समय भी कार्रवाई हुई थी। दूसरे जिले में तैनाती के समय भी उसके खिलाफ कार्रवाई और अन्य जांच के मामले होने की बात बताई जा रही है। खास है कि इतनी शिकायत, कार्रवाई व जांच के मामले होने के बाद भी पुलिस अधीक्षक राहंगडाले की तैनाती तुरंत किसी दूसरे थाने में कैसे हो जाती है। यह जांच का विषय है। एसपी ने ४८ दिन पूर्व राहंगडाले को कान्हीवाड़ा थाने में तैनाती के दौरान निलंबित किया था।
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