इसके निर्माण में अधिकांश सामग्री कबाड़ से ली गई है। 35 हजार की लागत से बनी बाइक के लिए 27 हजार रुपए छात्र-छात्राओं ने जुटाए। राशि कम पड़ने पर आठ हजार रुपए कॉलेज ने उपलब्ध कराए। प्राचार्य एसके आड़े ने टीम की उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई है।
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इस टीम ने बनाई
महाविद्यालय के इलेक्ट्रिक विभाग में अंतिम सेमेस्टर की विद्यार्थी रागिनी पटले, विशाल परवारी, अंशय शर्मा, अमित कुमार, शिवम झारिया, मोहित साहू, सतीश ठाकरे व गगन डोंगरे की टीम ने विभाग अध्यक्ष केके मेश्राम, ,निर्देशक बीएस शर्मा व सह निर्देशक एमएस अय्यर के मार्गदर्शन में प्रोजेक्ट लीडर सौमिली बैनर्जी के साथ मिलकर ई-बाइक पर काम शुरू किया।
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अब लागत कम करने पर जोर
विद्यार्थियों ने बताया कि इसका निर्माण स्क्रेप व अन्य संसाधनों से किया गया है। यह ई-बाइक प्रदूषण रहित है। टीम का कहना है कि आम लोग ई बाइक खरीद सके। इसके लिए लागत कम करने पर कार्य कर रहे हैं। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि खास कर इसकी चार्जिंग अवधि और संचालन दूरी 40 किमी से अधिक बढ़ाने पर काम किया जा सकता है।