टैंक से खतरे का अंदेशा –
कहने को तो जनता के लिए सार्वजनिक शौचालय बना है। लेकिन यह भी गंदगी से भरा है। टैंक धसका और खुला है। उससे बदबू उठती है। नगर पालिका कुछ नहीं कर रही। – तुलसी गोखे, वार्डवासी
कहने को तो जनता के लिए सार्वजनिक शौचालय बना है। लेकिन यह भी गंदगी से भरा है। टैंक धसका और खुला है। उससे बदबू उठती है। नगर पालिका कुछ नहीं कर रही। – तुलसी गोखे, वार्डवासी
नहीं आते-जाते लोग
बस्ती के बीच में गंदगी इतनी है, कि बदबू के कारण लोग आना-जाना पसंद नहीं करते। टैंक से हादसे का डर है। पार्षद, अध्यक्ष कोई ध्यान नहीं दे रहा।
प्रेम कुमार, वार्डवासी
बंद रखते हैं दरवाजा –
हम औरतों को पूरे दिन घर में रहना पड़ता है। गंदगी और बदबू के कारण दरवाजा बंद रखना पड़ता है। खुले टैंक से बच्चों के जान का भी खतरा बना है। इस वार्ड में कोई ध्यान नहीं है। – आशा बाई, गृहिणी
निस्तार करना भी मुश्किल –
सार्वजनिक शौचालय बना है, लेकिन सफाई नियमित नहीं होती। निस्तार करना मुश्किल हो रहा है। नगर पालिका सफाई के लिए न तो सामग्री देती है, न सफाई कराती है। – महेश कुम्हारे, वार्डवासी
प्रस्तावित है यहां के कार्य –
यह सही है कि इस वार्ड में सफाई इंतजामों को बेहतर किए जाने की जरूरत है। ठीक से सफाई नहीं हो पा रही है। लगातार सीएमओ से सूकर हटवाने की मांग की जा रही है। वे ध्यान नहीं दे रहे। वार्ड का सुलभ शौचालय पुराना है, जगह बड़ी है। प्रस्ताव पास कराया है। तीन महिला, तीन पुरुष शौचालय बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा सामुदायिक भवन बनाया जाना है। पूर्व के वार्ड जमादारों की लापरवाही से सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। अब नए वार्ड जमादारों की नियुक्ति कर दी गई है। शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार होगा। – अभिषेक दुबे, पार्षद आजाद वार्ड