scriptछोटे कमरों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कठिन कार्य | Higher education in the small rooms hard work | Patrika News

छोटे कमरों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कठिन कार्य

locationसिवनीPublished: Jul 05, 2019 09:15:40 pm

Submitted by:

santosh dubey

नेक टीम ने कन्या महाविद्यालय का किया निरीक्षण

Virgo college, higher education, good team, professor, girl students, education minister

छोटे कमरों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई कठिन कार्य

सिवनी. शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नेक टीम नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय पहुंची। जिसमें जम्मू कश्मीर विश्वविद्यालय से आए टीम के चेयरमेन आरडी शर्मा एवं गुरुनानक विश्वविद्यालय पंजाब से चेयरमेन सरोज अरोरा तथा मुम्बई के उच्च शिक्षा विभाग के अनेक संस्थानों से जुड़ी समाजसेवी डॉ. गीता कृष्णा ने निरीक्षण किया।
इस निरीक्षण के दौरान चेयरमेन आरडी शर्मा ने महाविद्याालय की गुणवत्ता को लेकर छात्राओं की उपस्थिति तथा विभिन्न प्रोजेक्ट के माध्यम से छात्राओं की शैक्षणिक गुणवत्ता जानने का प्रयास किया। साथ ही उन्हें यहां लगा कि शैक्षणिक गुणवत्ता में कमी है उस कमी को दूर करने के लिए भी सुझाव दिए। इसी क्रम में सरोज अरोरा ने कहा कि महाविद्यालय में भाषा एवं शैक्षणिक संसाधन की व्यवस्थाओं की कमी के कारण अध्यापन कार्य प्रभावित न हो। इसके लिए महाविद्यालय प्रबंधन को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए और इस कमी को कैसे दूर किया जा सकता है। इस पर भी गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए। डॉ. गीता कृष्णन ने महाविद्यालय की इमारत एवं अध्यापन करने वाली छात्राओं की स्थिति को लेकर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन छोटे-छोटे कमरों में अध्यापन कराना, कठिन कार्य है जिसे दूर किया जाना चाहिए। इसी तारतम्य में महाविद्यालय की छात्राओं की दर्ज संख्या 2370 की तुलना में शौचालय कम होने तथा छात्राओं को शुद्ध पानी न मिलने को लेकर भी सुधार की बात कही।
इस दौरान उन्होंने छात्राओं एवं महाविद्यालय के उन समाजसेवियों से भी सम्पर्क किया जिन्होंने महाविद्यालय को आगे बढऩे की दिशा में योगदान दिया है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य अमिता पटेल ने बताया कि यह महाविद्यालय 1983 में मात्र 37 छात्राओं से प्रारंभ हुआ था और अब इस महाविद्यालय में 2300 से अधिक छात्राएं अध्यापन कर रही है। छात्राओं को शासन की सभी सुविधाएं मिल रही है। साथ ही सुरक्ष की दृष्टि से निकट नगर कोतवाली तथा आवागमन के लिए बस स्टैंड में जिसके चलते छात्राओं को असुविधा नहीं होती। साथ ही महाविद्यालय के इस जेल प्रांगण की भूमि महाविद्यालय को स्थानांतरित हो चुकी है। जिससे आगामी भविष्य में यहां पर भवन बनाकर अनेक संकाय प्रारंभ किए जाएंगे। नेक टीम के संयोजक प्रोफेसर डीपी बघेल ने कार्यक्रम के प्रारंभ में इस अवलोकन के संबंध में विस्तार से अपनी बात रखी। इस टीम में गुणवत्ताविकास के क्रम में महाविद्यालय के डॉ. अर्चना चंदेल, शाहेदा खान, डॉ. एसएस नावगे, कल्पना इंगले सहित महाविद्यालय के दिनेश संत, अशोक जैन का विशेष योगदान रहा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो