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जीवन में संस्कारों का सर्वाधिक महत्व

locationसिवनीPublished: Jun 06, 2018 12:37:59 pm

Submitted by:

santosh dubey

मलखेड़ी कहानी में जारी श्रीमद् भागवत कथा

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जीवन में संस्कारों का सर्वाधिक महत्व

फोटो… 05 सिवनी 06, 07 कथावाचक विवेक आनंद व श्रद्धालुजन।

सिवनी. श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति को चिंतामुक्त रखती है। जीवन में सुख-दु:ख और लाभ-हानि से ऊपर उठकर जो व्यक्ति दूसरों के लिए जीता है उसके जीने का मार्ग ही सही है। भगवान की कथा में अमृत है और उसे भाव से सुनना चाहिए। उक्ताशय की बात ग्राम मलखेड़ी कहानी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक विवेक आनंद महाराज ने श्रद्धालुजनों से कही।
जिस तरह कृष्ण भगवान ने संसार को सम्मोहित करने और सभी के हृदय में प्रेम जगाने के लिए बांसुरी का निर्माण किया था, उसी तरह हमें भी अपने हृदय को पवित्र रखते हुए संपूर्ण जगत में प्रेम का परिचय देना है।
महाराज ने कहा कि यह सारा संसार जिसका है, जिसके कारण यह जो स्वयं अनादि, अव्यय, अनन्त है वह जगत का कारण है। जब हम संसार में दूसरा कुछ भी नहीं चाहते तब हरि भक्ति मिलती है।
संस्कारों का जीवन में बहुत महत्व होता है। संस्कारों को अपने जीवन में ढालने से इस भवसागर से पार उतरा जा सकता है। श्रीमद् भागवत सभी पुराणों की शिरोमणि व वेदों का सार है। भागवत धर्म में मानव धर्म ही सर्वोपरि है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से ही चार पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बाजेगाजे के साथ निकली गांव में शोभायात्रा
लखनवाड़ा में मंगलवार से पुरुषोत्तम मास के अवसर पर संगीतमयी श्रीमद्भागवत महापुराण के शुभारंभ हुआ। वृंदावन से आए बालव्यास पं. ओमशंकर कृष्ण रसिक महाराज के सानिध्य में गांव में कलश यात्रा निकाली गई। गांव के खैरापति मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन एकत्रित हुए। श्रीपुरुषोत्तम मास के तत्वावधान में मां वैनगंगा के पावन तट पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन मंदिर परिसर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।
मां वैनगंगा की विधिवत पूजन अर्चन के उपरान्त कार्यक्रम की शुरुआत की। आचार्य ने विधिविधान पूर्वक पूजन संपन्न कराया। प्रतिदिन सुबह सात बजे से 10 बजे तक प्रतिदिन पार्थिव शिवलिंग निर्माण पूजन एवं अभिषेक वैदोक्तमंत्रों के द्वारा सम्पन्न होगा। 11 जून तक दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा कृष्ण रसिक द्वारा श्रद्धालुजनों को सुनाई जाएगी।

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