सरकार के आदेश की जलाई होली, ऐसे दिखाया गुस्सा
सिवनीPublished: Dec 16, 2017 11:40:54 am
सरकारी कार्यक्रम स्थगित, फिर भी अध्यापक जाएंगे भोपाल
सिवनी. मप्र की राजधानी भोपाल में १७ दिसम्बर को होने वाला शिक्षा गुणवत्ता सम्मेलन स्थगित कर दिए जाने के बाद अध्यापकों में आक्रोश है। सरकार पर अध्यापकों के साथ बार-बार मजाक किए जाने का आरोप लगाते हुए अध्यापकों ने सरकार के आदेश की प्रतियां जलाकर नाराजगी जाहिर की। अध्यापकों ने कहा कि तीसरी बार गुणवत्ता सम्मेलन का कार्यक्रम सरकार द्वारा स्थगित किया गया है। परन्तु अध्यापक महासंघ का भोपाल कार्यक्रम यथावत रहेगा। यहां अध्यापकों द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
दलसागर टापू में एकत्रित होकर आदेश पत्र की होली जलाते अध्यापकों ने आरोप लगाते कहा है कि मप्र सरकार ने पहले 4 नवम्बर, फिर 26 नवम्बर और तीसरी बार 17 दिसम्बर को होने वाले सम्मेलन को भी टाल अपना अध्यापक विरोधी चेहरा उजागर कर दिया। दो सालों से छठवें वेतनमान का जो सरकार उदाहरण तक जारी न कर सकी। उससे शिक्षा विभाग में संविलियन और सातवें वेतनमान की बात बेमानी सी लगती है।
सम्मेलन को टालने के पीछे एक चेहरा और चाल पुन: उजागर हुई। सरकार को अपेक्षा थी कि अध्यापक संघ के अध्यापक आपस में बंटे हुए हैं, लेकिन अध्यापक हित को सर्वोपरि मानते हुए जब प्रदेश के समस्त अध्यापक संघों ने अध्यापक महासंघ बनाकर सरकार द्वारा आयोजित गुणवत्ता सम्मेलन में शामिल होने की सहमति दे दी तो सरकार और उसके नुमाइंदों की मंशा विफल हो गई।
अध्यापक महासंघ सिवनी के अध्यक्ष गजेन्द्र बघेल ने कहा कि सभी अध्यापक हैरान हैं कि कल तक चर्चा कर मुद्दे तय करने के बाद सम्मेलन करने वाली सरकार अचानक तैयार कैसे हो गई। संभवत: उन्हें सोशल मीडिया में लड़ते झगड़ते अध्यापक संघों के इस तरह एक हो जाने की संभावना नही थी। इस बात का भी भय हुआ होगा कि अगर कुछ न दिया तो अध्यापक आंदोलन पर उतारू हो जाएंगे।
अध्यापक महासंघ द्वारा सरकार से नाराजगी जाहिर करते कहा गया है कि अध्यापक संवर्ग से इस तरह का मजाक बंद करे और सभी संघो के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनका पक्ष सुने और बताए कि सरकार क्या और कितना कर सकती है। सम्मेलन के नाम पर सरकार अध्यापकों को मूर्ख बना रही है। 17 दिसम्बर को अध्यापक महासंघ का भोपाल कार्यक्रम यथावत रहेगा। सरकार ने हमारी मांगे नही मानी तो आंदोलन करेंगे।
नाराज अध्यपकों न विरोध दर्ज कराया –
महासंघ के संयोजक विपनेश जैन ने कहा कि सरकार बार-बार अध्यपकों के लिए सम्मेलन का आयोजन कर उसकी तिथियों में परिवर्तन कर अध्यपकों के साथ छलावा कर रही है जिससे अध्यपको में भारी रोष व्याप्त है। अध्यापक महासंघ की बैठक दलसागर चौपाटी में रखी गई और शासन के आदेश की होली जला कर विरोध दर्ज किया गया और 17 दिसम्बर को भोपाल पहुंचने सभी अध्यपकों से आव्हान किया गया।
बैठक में महासंघ के श्रवण डहरवाल, गजेंद्र बघेल, परमानंद डहेरिया, कपिल बघेल, ब्रजमोहन सनोडिया, राकेश दुबे, कपिल ठाकुर, चिंतामण सनोडिया, सुनील तिवारी, कपिल ठाकुर, हरीश तिवारी, फारुख खान, शकील खान, समसुन्न निशा, आरती पांडे, संगीता ठाकरे एवं अध्यापक उपस्थित रहे।