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महिलाओं में जागी आत्मनिर्भर होने की उम्मीद

locationसिवनीPublished: Feb 15, 2019 12:06:08 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर हुआ आयोजन

seoni

महिलाओं में जागी आत्मनिर्भर होने की उम्मीद

सिवनी. सेवाभारती द्वारा संचालित सिलाई प्रशिक्षण केंद्र केवलारी (उगली) से प्रशिक्षण लेकर महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं। पांचवे व छठवें बैच के 80 महिला व युवतियों को सेवाभारती के प्रांतीय सचिव अनिल शर्मा, महिला बाल विकास पर्यवेक्षक किरण सोलंकी, सिलाई प्रशिक्षण केंद्र के संचालक अशोक बन्देवार एवं समाजसेवी कन्हैया प्रजापति और युवा समाजसेवी दिनेश यादव द्वारा प्रमाण पत्र वितरण किया गया। इसके साथ ही सातवे बैच के प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सिलाई प्रशिक्षण के संचालक अशोक बंदेवार द्वारा किया गया। उन्होंने उपस्थित अतिथि एवं ग्रामीणजनों को सिलाई प्रशिक्षण केंद्र में विगत डेढ वर्षों से संचालित गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए सेवाभारती महाकौशल प्रांत द्वारा विगत 1 वर्ष में केवलारी में 160 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण देकर स्वावलम्बी बनाया गया।
बताया कि महिला स्वावलंबन के चलते उगली में विगत 6 माह में 80 महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण देकर प्रमाण पत्र वितरण किया जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि अनिल शर्मा ने कहा कि सीमा भारती महाकौशल प्रांत द्वारा अनेक सेवा कार्य अलग-अलग जिलों में चलाए जा रहे हैं। इसी सेवा कार्य के चलते केवलारी उगली में महिलाओं के सम्मान को लेकर सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र चलाया जा रहा है। जिसमें गांव के आसपास के ग्रामीण युवतियों व महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। महिलाएं अपने घर में स्वयं के कपड़ों की सिलाई कर रुपए की बचत कर सकती हैं। इस तरह महिलाओं को आत्म निर्भर एवं स्वावलंबी बनाया जा रहा है।
उपस्थित जनों ने कहा कि सिलाई का प्रशिक्षण बेटियों को जीवन में बहुत आगे ले जा सकता है। बेटियां इस सिलाई को अपना पेशा बना सकती है। वह बुटीक खोलकर अपनी आजीविका को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही दूसरों को सिलाई सिखाकर उनको भी आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया जा सकता है। उपस्थित रहीं महिला बाल विकास पर्यवेक्षक किरण सोलंकी ने कहा कि आज समाज में महिलाओं को सशक्त, उद्यमी एवं आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इससे महिलाओं के शोषण पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज को सशक्त रूप से होने का प्रमाण दे रही हैं।
कार्यक्रम के अंत में शिक्षार्थी महिलाओं ने सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र से प्राप्त प्रशिक्षण के बाद अपना अनुभव बताते हुए कहा कि सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना से सिलाई कढ़ाई सीखने की सुविधा ग्रामीणों को मिली। जिससे हम अपने घरों के कपड़ों की सिलाई करके घरेलू बचत के अलावा कमाई भी कर सकते हैं। यह कला हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए लाभदायक है। कार्यक्रम के अंत में सिलाई सेन्टर की प्रशिक्षिका रेवा परते द्वारा आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
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