श्रद्धा, विश्वास से करें प्रभु की भक्ति
रामकथा का शुभारम्भ अरी. प्रभु की भक्ति अनुराग से ही मिलती है। जप, यज्ञ और वैराग्य से नहीं। यदि प्रभु के प्रति अनुराग होता है तो वे भक्त के पास स्वयं चल कर आते हैं। राग से तो महज सांसारिक वस्तुएं ही मिलती हैं। उक्ताशय की बात दुर्गा मंदिर प्रांगण अरी में श्रीराम कथा के आयोजन के प्रथम दिन कथावाचक शास्त्री जुगलकिशोर पांडे ने श्रद्धालुजनों से कही।
उन्होंने आगे कहा कि प्रभु प्रेम के भूखे हैं, पकवान के नहीं। श्रद्धा व विश्वास के साथ उनकी शरण में जाने से मंगल ही मंगल होता है। उन्होंने अभिभावकों को इंगित करते हुए कहा कि वे बच्चों को कुछ और दें या न दें लेकिन अच्छे संस्कार अवश्य दें, क्योंकि सुसंस्कारित व्यक्ति ही कुल, खानदान, क्षेत्र समाज व देश को नई दिशा देने का काम करता है।
इस मौके पर उत्तम बोपचे, संजय जैसवाल, उमाशंकर चौधरी, जितेन्द्र यादव, उमाशंकर बिसेन, शिवनाथ चौधरी, मदन भगत, राजेन्द्र बिसेन, नवीन बोपचे, ताराचंद हनवत, नेमीचंद बोपचे, चिंतामन हरिनखेड़े, रामचरन बोपचे, यजमान ईश्वरदयाल बिसेन आदि ने बताया कि श्रीराम कथा का आयोजन 30 जनवरी तक होगा। कथा का वाचन दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक व रात्रि आठ बजे से भजन संध्या का आयोजन रखा गया है।
रामकथा का शुभारम्भ अरी. प्रभु की भक्ति अनुराग से ही मिलती है। जप, यज्ञ और वैराग्य से नहीं। यदि प्रभु के प्रति अनुराग होता है तो वे भक्त के पास स्वयं चल कर आते हैं। राग से तो महज सांसारिक वस्तुएं ही मिलती हैं। उक्ताशय की बात दुर्गा मंदिर प्रांगण अरी में श्रीराम कथा के आयोजन के प्रथम दिन कथावाचक शास्त्री जुगलकिशोर पांडे ने श्रद्धालुजनों से कही।
उन्होंने आगे कहा कि प्रभु प्रेम के भूखे हैं, पकवान के नहीं। श्रद्धा व विश्वास के साथ उनकी शरण में जाने से मंगल ही मंगल होता है। उन्होंने अभिभावकों को इंगित करते हुए कहा कि वे बच्चों को कुछ और दें या न दें लेकिन अच्छे संस्कार अवश्य दें, क्योंकि सुसंस्कारित व्यक्ति ही कुल, खानदान, क्षेत्र समाज व देश को नई दिशा देने का काम करता है।
इस मौके पर उत्तम बोपचे, संजय जैसवाल, उमाशंकर चौधरी, जितेन्द्र यादव, उमाशंकर बिसेन, शिवनाथ चौधरी, मदन भगत, राजेन्द्र बिसेन, नवीन बोपचे, ताराचंद हनवत, नेमीचंद बोपचे, चिंतामन हरिनखेड़े, रामचरन बोपचे, यजमान ईश्वरदयाल बिसेन आदि ने बताया कि श्रीराम कथा का आयोजन 30 जनवरी तक होगा। कथा का वाचन दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक व रात्रि आठ बजे से भजन संध्या का आयोजन रखा गया है।