कहा गया है कि कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सिवनी ने २३ जून को वीडियो कांफे्रंसिंग में सभी शिक्षकों को हिदायत दी थी, कि कोई भी स्कूलों से गैरहाजिर न रहे, स्कूलों में बच्चों को नियमित पढ़ाया जाए। आदेश के अगले ही दिन २४ जून को जब स्कूलों का निरीक्षण किया गया, तो जनशिक्षा केन्द्र अंतर्गत संचालित शालाएं बंद थीं और शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे।
छपारा बीआरसीसी गोविंद प्रसाद उइके ने बताया कि सहायक संचालक ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन आदर्श आचार संहिता लागू है एवं सभी अधिकारी व कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के आदेश जिला कार्यालय से दिए गए हैं। साथ ही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जानी है। ऐसे में भी स्कूलों पर ताला डालकर शिक्षकों का चले जाना गंभीर लापरवाही है। इस स्थिति पर जनशिक्षकों को भी मॉनिटरिंग में लापरवाही का दोषी माना गया है। जनशिक्षकों को सहायक संचालक ने कहा कि इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि सतत मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है एवं वरिष्ठ कार्यालय से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति में क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को इसकी सूचना दी जाए। इस सम्बंध में तीन दिन में बीआरसी कार्यालय छपारा में लिखित जवाब देने को कहा है। जवाब संतोषजनक या अप्राप्त होने की स्थिति में कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है।
निरीक्षण में ये शिक्षक पाए गए थे गैरहाजिर
बीआरसीसी ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला डांगावानी में सुबह ११:०५ बजे ताला लगा हुआ था। शिक्षिका अनीता बेंद्रे एवं शिक्षक कमलकांत पूसाम गैरहाजिर थे। सुबह ११:३५ बजे शासकीय माध्यमिक शाला झिरी के स्कूल गेट पर ताला लगा था शिक्षक देवेन्द्र कुमार मर्सकोले गैरहाजिर थे। दोपहर १२:२० बजे प्राथमिक शाला लाठगांव में स्कूल के गेट पर ताला लगा पाया गया। शिक्षक चेतराम कुशवाहा और सुमन श्रीवास्तव मौजूद नहीं थे। माध्यमिक शाला लाठगांव के निरीक्षण में शिक्षक विपिन कुमार नेमा व हरिसिंह उइके नहीं मिले। दोपहर ०१:०५ बजे शासकीय माध्यमिक शाला ढोड़ा में शिक्षक सतेन्द्र साहू गैरहाजिर मिले। दोपहर ०१:४५ बजे शासकीय प्राथमिक शाला भरगा में शिक्षिका सुनीता पारधी नहीं मिलीं। उक्त शिक्षकों की अनुपस्थिति से अनुमान लगाया जा रहा है कि उनके ऊपर कलेक्टर के आदेश का कोई असर नहीं है। सहायक संचालक कुमरे ने गैरहाजिर मिले नौ शिक्षक-शिक्षिकाओं को नोटिस जारी किया था।
छपारा बीआरसीसी गोविंद प्रसाद उइके ने बताया कि सहायक संचालक ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन आदर्श आचार संहिता लागू है एवं सभी अधिकारी व कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के आदेश जिला कार्यालय से दिए गए हैं। साथ ही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जानी है। ऐसे में भी स्कूलों पर ताला डालकर शिक्षकों का चले जाना गंभीर लापरवाही है। इस स्थिति पर जनशिक्षकों को भी मॉनिटरिंग में लापरवाही का दोषी माना गया है। जनशिक्षकों को सहायक संचालक ने कहा कि इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि सतत मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है एवं वरिष्ठ कार्यालय से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति में क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को इसकी सूचना दी जाए। इस सम्बंध में तीन दिन में बीआरसी कार्यालय छपारा में लिखित जवाब देने को कहा है। जवाब संतोषजनक या अप्राप्त होने की स्थिति में कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है।
निरीक्षण में ये शिक्षक पाए गए थे गैरहाजिर
बीआरसीसी ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला डांगावानी में सुबह ११:०५ बजे ताला लगा हुआ था। शिक्षिका अनीता बेंद्रे एवं शिक्षक कमलकांत पूसाम गैरहाजिर थे। सुबह ११:३५ बजे शासकीय माध्यमिक शाला झिरी के स्कूल गेट पर ताला लगा था शिक्षक देवेन्द्र कुमार मर्सकोले गैरहाजिर थे। दोपहर १२:२० बजे प्राथमिक शाला लाठगांव में स्कूल के गेट पर ताला लगा पाया गया। शिक्षक चेतराम कुशवाहा और सुमन श्रीवास्तव मौजूद नहीं थे। माध्यमिक शाला लाठगांव के निरीक्षण में शिक्षक विपिन कुमार नेमा व हरिसिंह उइके नहीं मिले। दोपहर ०१:०५ बजे शासकीय माध्यमिक शाला ढोड़ा में शिक्षक सतेन्द्र साहू गैरहाजिर मिले। दोपहर ०१:४५ बजे शासकीय प्राथमिक शाला भरगा में शिक्षिका सुनीता पारधी नहीं मिलीं। उक्त शिक्षकों की अनुपस्थिति से अनुमान लगाया जा रहा है कि उनके ऊपर कलेक्टर के आदेश का कोई असर नहीं है। सहायक संचालक कुमरे ने गैरहाजिर मिले नौ शिक्षक-शिक्षिकाओं को नोटिस जारी किया था।