मुसीबत बन गई खोदकर छोड़ी गई अधूरी सड़क
सिवनीPublished: Feb 11, 2021 10:00:54 pm
चिखली से चक्कीखमरिया सड़क का मामला
मुसीबत बन गई खोदकर छोड़ी गई अधूरी सड़क
सिवनी. सड़कें गांव को शहरी क्षेत्र से जोड़कर क्षेत्रीय विकास को गति देती हैं, लेकिन इन दिनों आदिवासी बाहुल्य कुरई विकासखंड के विभिन्न गांव को नेशनल हाइवे से जोडऩे दस साल पहले बनी चिखली से चक्कीखमरिया तक 9 किमी की सड़क घटिया निर्माण के चलते उखड़ गई है। जो अब ग्रामीणों के लिए हादसे का सबब बन रही है। साल 2018 में सड़क को 5 साल के लिए मेंटनेंस पर दिया गया था लेकिन तीसरे साल में ही सड़क का दम निकल गया है। ग्रामीण सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही न के बराबर है। इसके बाद भी खस्ताहाल सड़क के लिए ओवर लोडिंग को जिम्मेदार बताया जा रहा है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गुणवत्ताविहीन निर्माण व रखरखाव नहीं कराने के कारण सड़क टूटकर खराब हुई हैं। खस्ताहाल मार्ग से जुड़े सैकड़ों गांव के ग्रामीण इस सड़क पर आवागमन करते हैं। ऐसे में आए दिन सड़क पर हादसे हो रहे हैं।
अनाज परिवहन से चकनाचूर हुई सड़क
जानकारी के मुताबिक धान व गेहूं की ओवर लोडिंग के कारण सड़क में टूटकर चकनाचूर हुई हैं। इसकी मरम्मत कराने 14.84 लाख रूपए की विशेष स्वीकृति जिला प्रशासन के अनुमोदन पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है। इस राशि से चिखली से चक्कीखमरिया तक 9 किमी तक सड़क पर नए सिरे से डामर की लेयर बिछाई जाना है। बीते एक साल से सड़क खस्ताहाल बनी हुई है। बालाघाट की ठेकेदार कंपनी ने बिलों का भुगतान रूका होने के कारण सड़क निर्माण कार्य रोक दिया है। इससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है।
पीएमजीएसवाय के अधिकारियों के मुताबिक 15 लाख रुपए से 9 किमी सड़क का रिन्यूवल कार्य कराया जाना है। ठेकेदार कंपनी ने करीब 4 किमी सड़क पर डामर की नई लेयर बिछा दी है। शेष 5 किमी सड़क पर डामर की नई लेयर बिछाने पुरानी सड़क को उखाड़ कर इसमें जीएसबी मटेलियल (गिट्टी) बिछा दी गई है। करीब 4 किमी सड़क बनाने पर ठेकेदार को विभाग ने 5 लाख रुपए का भुगतान बिलों के अनुसार कर दिया हैं। शेष कार्य पूरा होने पर भुगतान ठेकेदार कंपनी को किया जाएगा।
चिखली से चक्की खमरिया तक 10 साल पुरानी सड़क को 5 सालों के रख रखाव के लिए बालाघाट की कम्पनी को 22 अगस्त 2018 से 21 अगस्त 2023 तक दिया गया है। हर साल कंपनी को सड़क पर जरूरी मरम्मत कार्य कराना होता है। अनुबंध के मुताबिक साल में एक बार घास व झाडिय़ों की सफाई, रैन कट्स में सुधार, पुल पुलिया, रैलिंग व बाल की पुताई के अलावा जरूरत के मुताबिक सोल्डर का संधारण, पॉंट व के्रक भरने के साथ ही सड़क किनारे बनी नालियों का संधारण करना होता है। इसके अलावा साल में दो बार पुल-पुलियों की मरम्मत कंपनी को करानी होती है। साल 2018 से रख-रखाव में होने के बावजूद कंपनी द्वारा सड़क में मरम्मत कार्य नही कराया गया है। यही स्थिति क्षेत्र में बनी दूसरी प्रधानमंत्री योजना की ग्रामीण सड़कों की है।
नीलेश साकरे, सहायक प्रबंधक पीएमजीएसवाय इकाई 1 का कहना है कि विशेष स्वीकृति लेकर खस्ता हाल हो चुकी सड़क में नए सिरे से डामर की लेयर बिछाई जा रही है। ठेकेदार कंपनी ने जितना काम किया है। उतना भुगतान कर दिया गया है। शेष काम जल्द कराने ठेकेदार को कई बार नोटिस दिए जा चुके हैं।