सिवनीPublished: Aug 12, 2018 12:25:44 pm
santosh dubey
शांत घोषित क्षेत्र में विक्षिप्त के चीखने-चिल्लाने से मरीज, स्वास्थ्य कर्मी परेशान, अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
जिला अस्पताल में विक्षिप्तों की धमाचौकड़ी
सिवनी. हार्ट रोगियों समेत गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों के भर्ती किए जाने के बाद शांत घोषित क्षेत्र जिला अस्पताल में कई सालों से मानसिक रूप से विक्षिप्त दो महिलाओं का स्थायी रूप से डेरा जमा लेने और जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने, दौडऩे-भागने के कारण यहां अपने मर्ज से परेशान मरीजों का मर्ज और भी बढ़ रहा है। साथ ही मरीज के परिजनों और स्वास्थ्य कर्मचारियों में भी कभी भी कोई बड़ा हादसा घट जाए इससे आशंका से वे भी परेशान हैं।
चार सौ बिस्तर वाले इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में शहर समेत जिले के सभी विकासखण्डों से सभी प्रकार के मरीज उपचार कराने यहां पहुंचते हैं। साथ ही अन्य राज्यों व जिलों से किसी भी सड़क दुर्घटना में घायल या बीमार मरीजों का भी यहां उपचार होता है। ऐसे में यहां कई सालों से मानसिक रूप से विक्षिप्त दो महिलाओं की स्थायी रूप से रात-दिन मौजूदगी रहने और उनके द्वारा उत्पात मचाए जाने, अचानक जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने व किसी को मारने दौडऩे के कारण यहां का माहौल खराब बना रहता है। मरीज व उनके परिजनों ने बताया कि उक्त दोनों विक्षिप्त महिलाएं आईसीयू वार्ड, आइसोलेशन वार्ड और पोषण पुर्नवास केंद्र वार्ड के आसपास ही हमेशा बनी रहती है। साथ ही आइसोलेशन वार्ड से लगे मरीजों के परिजनों के लिए बैठने व भोजन करने के लिए बनाए गए बरामदे रूपी कमरे में स्थायी रूप से डेरा जमा लिया है। यहां उनके गंदे कपड़े रखे रहते हैं और रात-दिन वहीं रहने से यहां दूसरे लोग जाना पसंद नहीं करते हैं। इसके साथ ही बरामदे में रखी कुर्सियों में बैठने, सोने के कारण मरीजों व उनके परिजनों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कलेक्टर को लिखा गया पत्र
वर्षों से स्थाई डेरा जमाकर मरीजों को दिए जाने वाला भोजन आदि मांगकर यहीं रहने वाली विक्षिप्त महिलाओं से होने वाली परेशानी से तंग आकर उन्हें यहां से अलग किए जाने की मांग को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कलेक्टर गोपालचंद्र डाड को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं। स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि पिछले साल 25 अगस्त 2017 को भी पत्र लिखा गया था। पत्र में बताया गया कि शशि बाई एवं कविता बाई नाम को दो विक्षिप्त महिलाओं आइसोलेशन वार्ड केबाजू में जो रैनबसेरा कक्ष है उसमें कई सालों से रह रही हैं। जिसके चलते अस्पताल परिसर की शांति भंग हो रही है। आते-जाते लोगों से एवं मरीजों तथा उनके परिजनों से पागलों की तरह लड़ाई करने लगती हैं। गंदे-गंदे शब्दों का प्रयोग करती हैं, जोर-जोर चिल्लाती रहती हैं। जिसके कारण वार्ड में भर्ती मरीज उनके परिजन व वार्ड में कार्यरत कर्मचारी एवं समस्त जिला चिकित्सालय इन दोनों महिलाओं से अत्यधिक परेशान हैं। आगामी समय में दोनों के ऐसे व्यवहार को देखते हुए कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है। स्वास्थ्य कर्मी ने कलेक्टर से मांग की है कि किसी सुरक्षित स्थान में भेजने की व्यवस्था की जाए। लेकिन अभी तक इस मामले में न तो स्वास्थ्य प्रशासन ने ध्यान दिया है और न ही जिला प्रशासन ने।
इनका कहना है
विक्षिप्त को हटाने के लिए कई बार प्रयास किया गया है लेकिन ठोस व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण उन्हें हटाया नहीं जा सका है।
डॉ. आरके श्रीवास्तव, सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय, सिवनी।