दुर्घटना से बचने विद्युत विभाग ने जारी किए निर्देश
सिवनीPublished: Sep 26, 2019 11:53:00 am
दुर्गा उत्सव के पूर्व समिति को दी जा रही जानकारी
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सिवनी. मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड (संचा./संधा.) संभाग के कार्यपालन अभियंता वीके लोख्ंाडे द्वारा आगामी दुर्गोत्सव के परिपेक्ष्य में सभी दुर्गा उत्सव समितियों से कहा गया है कि दुर्गा पंडालों का निर्माण विद्युत लाइनों के नीचे, पास में एवं ट्रांसफार्मरों से नियमानुसार सुरक्षित दूरी पर ही अधिनयम किया जाए। अन्यथा विद्युत ट्रांसफार्मरों के समीप या विद्युत लाइनों के निकट अथवा नीचे दुर्गा पंडालों का निर्माण निर्धारित मापदण्ड अनुसार न करने पर संबंधित के विरूद्ध विद्युत नियम 1956 की कंडिका 79 एवं 80 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
दुर्गा पंडालों में विद्युत का उपयोग विधिवत अस्थाई विद्युत कनेक्षन लेकर ही करने को कहा गया है। अनाधिकृत रूप से तारों को विद्युत लाइनों से जोड़कर विद्युत का उपयोग करते पाये जाने पर भारतीय विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 135 के तहत संबंधित के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी। चूॅकि अनाधिकृत रूप से विद्युत लाइनों से तार जोडऩे की स्थिति में अन्य उभोक्ताओं को विद्युत व्यवधानों का सामना करना पड़ता है।
कार्यपालन अभियंता ने कहा कि इसके अलावा दुर्गोत्सव समिति पंडाल में विद्युत कनेक्शन करने वाले विद्युत ठेकेदार को समझाइस दे कि वह विद्युत आपूर्ति का स्वीच बोर्ड सुरक्षित स्थान पर स्थापित करें एवं पंडाल के पास नियमानुसार अर्थिंग कराएं ताकि किसी प्रकार की विद्युत दुर्घटना घटित न हो। पंडाल के कनेक्शन के विद्युत भार को तीनों फेस पर बराबर बांटा जाए, ताकि किसी एक फेस पर अत्यधिक भार होने के कारण विद्युत व्यवधान उत्पन्न न हो। दुर्गोत्सव में अस्थाई कनेक्षन के लिए सर्विस लाइन एवं पंडाल के भीतर विद्युत साज-सज्जा के लिए वायर उचित क्षमता के एवं पूर्ण रूपेण इंस्युलेटेड होने चाहिए।
सुरक्षा की दृश्टि से कटे-फटेे एवं टूटे वायरों का उपयोग पंडाल वाले न करें और तारों के जोड़ों पर इंस्युलेेटेड टेप का ही उपयोग कर उसे सुरक्षित करें। दुर्गा पंडालों के सामने एवं आसपास लगाए जाने वाले तोरण को विद्युत लाइनों एवं पोलों पर न बांधते हुए उनसे दूर लगाया जायें, ताकि वर्षाकाल में इन तोरणों के विद्युत लाइनों के संपर्क में आने के कारण अनावष्यक विद्युत व्यवधान उत्पन्न होते हैं एवं उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसे ध्यान में रखते हुए दुर्गोत्सव समिति एवं आयोजक असुविधा से बचने के लिए विद्युत का वैधानिक उपयोग करने को कहा है।