किसानों का कहना है कि भीमगढ़ बांध से निकलने वाली क्षेत्र की एलबीसी और आरबीसी नहर सुधारने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन अधिकारियों के कानो पर जूं नहीं रेंग रहा है। कहा कि सिंचाई के लिए बांध की निकली नहरे आरसीबी और एलबीसी के समय के साथ सिंचाई का रकबा लगभग डेढ़ गुना बढ़ गया है। नहर से पूरी क्षमता के साथ पानी छोड़े जाने के बाद भी दोनों नहर से लगी करीब 40 ग्राम की हजारों एकड़ फसल खेत में कई बार सूख चुकी है। दोनों तरफ की नहरों में कुछ जगह सुधार का काम करवा कर नहर में ज्यादा पानी दिया जा सकता है। इससे क्षेत्र में अनाज की पैदावार बढ़ेगी और किसानों की फसलें सूखने से बचेगी। इस मांग को लेकर 25 अप्रैल को केवलारी से किसान सिवनी तक की पदयात्रा पर निकले और बुधवार को पहुंचे।
इसके पूर्व किसान सोमवार को ग्राम टेकारांझी व मंगलवार को कंडीपार में विश्राम किए। किसानों का कहना है कि कलेक्टर सहित संबंधित विभाग के अधिकारी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है। किसानों को लेकर बड़े.बड़े किए जा रहे दांवे की पोल सिवनी में खुल रही है। संवेदनहीन अधिकारी किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं है।
किसानों ने कहा कि माचागोरा डैम का निर्माण हुआ तब 42 से 45 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन विगत रबी के सीजन में महज 14000 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो पाई। जिले की सिंचाई का लक्ष्य 42 से 45 हजार हेक्टेयर से घटाकर अब 22 हजार हेक्टेयर कर दिया गया है। ऐसा कर संबंधित महकमा किसानों के साथ छलावा कर रहा है। जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं। किसान चिलचिलाती धूप में न्याय के लिए सडक़ पर उतरा है और अधिकारी कार्यालय छोडकऱ फरार हो गए हैं। किसानों ने कहा कि अधिकारियों के नहीं आने तक किसान वैनगंगा कॉलोनी से नहीं हटेंगे।
कलेक्ट्रेट गेट पर इंतजार करती रही पुलिस
कोतवाली थाने में तैनात उप निरीक्षक दिलीप पंचेश्वर के नेतृत्व में दर्जनभर से अधिक पुलिसकर्मी कलेक्ट्रेट गेट के पास किसानों के आने का इंतजार करती है। किसानों के पूर्व कार्यक्रम अनुसार वैनगंगा कॉलोनी में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपना था। ऐसे में ड्यूटी में तैनात की गई पुलिस शाम तक उनकी राह देखती रही।