ये पिछले साल सात जुलाई को कमाने सऊदी अरब गए थे।
विजेन्द्र, दुर्जनपुरा
विजेन्द्र का जिक्र आते ही मां सुमन का गला रूंध गया। सुमन ने बताया कि बेटे का फोन आता है कि तो वह अपनी सकुशल वापसी के प्रयास करने के लिए कहता है। वहां पर उससे रात बारह बजे से दूसरे दिन दोपहर 12 बजे काम करवाया जा रहा है। वेतन दिया नहीं जा रहा। वहां पर बेटा किसी जेल के बंदी के समान जिंदगी काट रहा है।
चंदगीराम, दुर्जनपुरा
पत्नी सुनीता के पास 26 जून को अंतिम बार चंदगीराम का फोन आया था। तब उसने बताया कि वह सऊदी अरब आकर फंस गया। उसके साथ जानवरों से भी बदत्तर सलूक किया जा रहा है। महीनेभर पहले चंदगीराम की मां परमादेवी का निधन हो गया। उसे सूचना दी गई और मां के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए चंदगीराम का एक रात व एक दिन तक इंतजार किया गया, मगर वह नहीं आ सका।