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लोकार्पण के इंतजार में कन्या आश्रम, हो रहा बेरंग

locationसिवनीPublished: Sep 17, 2019 04:53:05 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

नवनिर्मित कन्या आश्रम घंसौर का मामला

लोकार्पण के इंतजार में कन्या आश्रम, हो रहा बेरंग

लोकार्पण के इंतजार में कन्या आश्रम, हो रहा बेरंग

सिवनी. आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्य व शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए शासन लाखों-करोड़ों रूपए खर्च कर रही है, लेकिन जिले में बैठे जिम्मेदारी अधिकारी खर्च के सही उपयोग पर गंभीर नहीं है। ऐसी ही स्थिति घंसौर तहसील में नजर आ रही है।
घंसौर तहसील के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में बने शासकीय भवन वर्षों से लोकार्पण की राह देख रहे हैं। इमारतें बेरंग हो गई हैं, जिनमें अब कबूतरों ने अपना डेरा जमा लिया है। लेकिन जिम्मेदार अपनी मनमर्जी के चलते इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और लाखों करोडों की लागत से निर्मित सरकारी संपत्ति अनुपयोगी होकर रह गई है।
इसका जीता जागता उदाहरण मुख्यालय घंसौर के अंतर्गत कन्या आश्रम बरौदा में देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि लगभग 4 वर्ष पहले निर्मित कन्या आश्रम का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है। जिसके चलते कन्या आश्रम मैं लगे पंखे, खिड़कियां और भी अन्य आश्रम में लगी सामग्रियों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया है। आश्रम में लगे सभी रोशन दानों के कांच पूरी तरह से टूट चुके हें। आश्रम के अंदर घास उग आई है। गंदगी से सरोवार आश्रम धीरे-धीरे खंडहर हो रहा है। जिसकी देखभाल करने वाला अब कोई नहीं है।
जब क्षेत्रीय नागरिकों ने आश्रम में रह रहे बरौदा निवासी एक ग्रामीण से बात की तो उन्होंने बताया कि आश्रम लगभग 4 वर्ष पहले बनाया गया था जिसकी देखभाल करने के लिए मुझे नरसिंहपुर रहवासी ठेकेदार ने 3 हजार रूपए महीने में चौकीदारी के लिए रखा था जिन्होंने शुरुआती महीनों में मुझे पैसे दिए लेकिन अब मुझे महीने के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं।
ग्रामीण ने आगे यह भी बताया कि एक दिन ठेकेदार ने मुझे आश्रम की चाबी थमा दी और कहा कि यह चाबी बरौदा आश्रम कि अधिक्षिका को दे दो लेकिन मैडम ने चाबी लेने से मना कर दिया और कहा कि हमारे पास ऊपर से कोई आदेश नहीं आया है। बिना आदेश के हम चाबी नहीं ले सकते।
बताया जा रहा है कि वर्तमान कन्या आश्रम से यह नवनिर्मित आश्रम लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर सुनसान स्थान पर बनाया गया है और वहां पर पानी की कोई व्यवस्था भी नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि सिर्फ पानी की व्यवस्था ना होने के कारण इतने वर्षों पहले बना आश्रम बंद पड़ा है या फिर और किन्हीं विशेष कारणों के चलते आज तक आश्रम शुरू नहीं हो पाया है यह तो आश्रम से जुड़े जिम्मेदार ही जानें, किंतु सरकारी संपत्ति नष्ट हो रही है इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि वर्तमान में संचालित हो रहे कन्या आश्रम में बच्चों को बैठने तक के लिए पर्याप्त जगह नहीं है एक ही कमरे में नौनिहाल पढ़ाई कर रहे हैं और उसी कमरे में रह रहे हैं, जिसके चलते नौनिहालों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कन्या आश्रम में रह रहे बच्चों के पालकों एवं ग्रामीणों ने कलेक्टर प्रवीण सिंह से आग्रह किया है कि इतने वर्षों से बनकर तैयार आश्रम की तकनीकी खामियों को दूर कर जल्द से जल्द आश्रम संचालित करने का आदेश सम्बंधित अधिकारियों को जारी करें, ताकि भवन का उपयोग हो सके।
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