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एक ही परिवार के तीन भाईयों की कोराना ने छीन ली जिंदगी

locationसिवनीPublished: May 25, 2021 08:35:01 pm

Submitted by:

sunil vanderwar

थांवरी के ठाकुर परिवार में हुई घटना से क्षेत्र में मातम

एक ही परिवार के तीन भाईयों की कोराना ने छीन ली जिंदगी

एक ही परिवार के तीन भाईयों की कोराना ने छीन ली जिंदगी

सिवनी. कोरोना की महामारी भले ही चंद दिनों में खत्म भी हो जाए, लेकिन इसने जो त्रासदी मचाई है, उसको भुला पाना शायद आने वाली कई पीढिय़ों के लिए मुश्किल होगा। कई परिवार ऐसे हैं, जिनमें कई जिंदगियां असमय ही चली गईं, इनको खोने वाले परिवारों में मातम पसरा है। जिंदगियां बची हैं, वो भी सदमे में हैं। कोरोना की ऐसी त्रासदी का सामना सिवनी जिले के थांवरी गांव के ठाकुर परिवार ने किया है। चंद दिनों में ही इस परिवार के तीन सगे भाई कोरोना के कारण जिंदगी की जंग हार गए। लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी इन जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका।
सिवनी जनपद के ग्राम पंचायत थांवरी के निवासी जगदीश ठाकुर के परिवार में सभी कोरोना से सुरक्षा के लिए सतर्कता बरत रहे थे, लेकिन न जाने कैसे संक्रमण ने इन्हें घेर लिया। परिवार के ज्यादातर लोग संक्रमित पाए गए थे। ठाकुर परिवार ने नागपुर-जबलपुर के निजी अस्पतालों में उपचार शुरु कराया। महंगे उपचार के बावजूद एक-एक कर जगदीश ठाकुर के तीन पुत्रों की जान चली गईं। परिवारजनों, रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
इस परिवार के घनश्याम ठाकुर (३८) की कोरोना रिपोर्ट अपै्रल महीने में पॉजिटिव आने पर पहले जबलपुर में फिर सिवनी में उपचार हो रहा था, इसी दौरान इनकी २४ अपै्रल को कोरोना से इनकी मृत्यु हो गई। इनके सबसे छोटे भाई सुनील ठाकुर (३५) संक्रमित होने पर नागपुर में उपचार करा रहे थे, वहीं इनकी १७ मई को मृत्यु हो गई। इसके अगले इनकी गर्भवती पत्नी ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया। इसी परिवार के सबसे बड़े भाई राजेश ठाकुर (४६) का कोरोना उपचार नागपुर के निजी अस्पताल में हो रहा था, इनकी मृत्यु २१ मई को नागपुर में ही हो गई। मृतकों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया। इस परिवार के अन्य सदस्य स्वस्थ हैं।
करीब ५० लाख रुपए कर चुके थे खर्च –
जानकारी के मुताबिक ठाकुर परिवार खैरापलारी क्षेत्र के जमींदार परिवार माना जाता है। इन्होंने परिवार पर आई कोरोना बीमारी से जीवन रक्षा के लिए बड़े से बड़े अस्पताल व डॉक्टरों से उपचार कराया। ५० लाख रूपए से अधिक खर्च भी किए, लेकिन तब भी अपने परिवार के तीन सदस्यों को खो दिया।
इस घटना से परिवार व क्षेत्र में पसरा मातम –
ठाकुर परिवार जिनका क्षेत्र में खासी प्रसिद्धि और सम्मान रहा है, इन्हें क्षेत्र में पटेल कहा जाता है, इस परिवार पर आई विपदा से न सिर्फ परिवार बल्कि क्षेत्र में लोग मातम में डूबे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस परिवार के तीनों पुत्र बड़े मिलनसार, मृदुभाषी और सेवाभावी रहे हैं। कोरोना महामारी ने सदा के लिए इन्हें छीन लिया।
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