सिवनीPublished: Mar 12, 2019 11:30:51 am
santosh dubey
पेट्रोल पम्प, चाय दुकान चला रही महिलाओं का किया सम्मान
जीवन सफल की शुरूआत नारी से और अंत भी नारी से : पूजा दीदी
सिवनी. जिले के हैहय क्षत्रीय कलचुरी समवर्गीय महिला महासभा द्वारा रविवार को जिले को गौरवांवित करने वाली महिलाएं व पेट्रोल पंप में काम तथा चाय दुकान चला कर गुजर बसर करने वाली महिलाओं का सम्मान करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया है।
कार्यक्रम की शुरूआत बम्हाकुमारी आश्रम से आई पूजा दीदी द्वारा मां सरस्वती व कलचुरी समाज के पूर्वज सहस्त्रबाहु की पूजा-अर्चना कर श्लोक दीप ज्योति परम ज्योति दीप ज्योति जनार्दन दीपो हरतु में पापं दीप ज्योति नमोस्तुते! के साथ दीप प्रज्वलित कर पूजा कर या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रव्रिता। या वीणा वरा दंडमंडित करा या श्वेत पद्मासना। या ब्रह्मच्युत शंकरा प्रभुतिभी देवी सदा वन्दिता। सामा पातु सरस्वती भगवती निशेश्य जाड्या पहा। के गीतों के साथ अर्चना की गई।
हैहय क्षत्रीय कलचुरी समवर्गीय महिला महासभा की आराधना सूर्यवंशी ने कहा कि हम लोग आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिले की महान विभूतिया जिन्होंने सिवनी जिले व महिलाओं को नई गति व दिशा देने का प्रयास किया है और आज हम उनका सम्मान करने के लिए एकत्रित हुए है। पहले समाज में महिलाओं को पुरूषों से पीछे की स्थिति दी जाती थी लेकिन अब स्थिति विपरीत है आज महिलाएं पुरूषों से आगे है।
हैहय क्षत्रीय कलचुरी समवर्गीय महिला महासभा द्वारा जिले की महिला विभूतियां क्रमश दीक्षा आर्ट ऑफ लिविंग की संस्थापक और संचालक, संगीता यादव, रूपकुमारी, चलित चाय की दुकान चलाने वाली महिला कर्मी, उषा चौधरी शिक्षिका, उषा शर्मा पंतजलि संस्थान संचालिका, अनीता राय, मुक्ता जायसवाल का फूल माला, काउन, सैस से सम्मान किया गया। कलचुरी समाज के सरंक्षिका मुक्ता जायसवाल ने कहा कि आप लोगों का कार्य बहुत अनुकरणीय और पथ प्रदर्शक है।
ब्रम्हाकुमारी आश्रम से आई पूजा दीदी ने संबोधित हुए कहा कि हमारे संस्थान में बहनों का सम्मान होता है। जिले में आज पहली बार आई हूं। इस जिले में आकर मुझे अच्छा लगा और आज भी नारी सशक्तिकरण जैसे कार्यक्रम होते रहते हैं। आप सब उसकी महिमा के पात्र है। मैंने शास्त्रों में पढ़ा था कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: जहां नारी की पूजा होती है वहां देवता रमन करते है, लेकिन हर घर में नारी में क्या हर घर में देवता है, नहीं है क्यों क्योंंकि नारी को जिस तरीके से पूजना चाहिए वह नही पूजा जा रहा है और कहीं न कहीं कारण शायद इसका नारी ही है। इनके अंदर जो डिवाइननिटी थी वह कहीं न कहीं इन्होंने खो दिया है क्योंकि सतयुग, त्रेतायुग में शुरूआत नारी से होती है कभी हम राम सीता नही बोलते हैं, बल्कि सीताराम, राधेकृष्ण, लक्ष्मीनाराण बोलते हैं मतलब शुरूआत से ही नारी पहले है। पुरूष बाद में हैं क्योंकि जीवन सफल की शुरूआत नारी से और अंत भी नारी से। हमने एक किताब में पढ़ा था वो भी किसी महान पुरूष ने लिखा है कि नारी नर्क का द्वार है लेकिन हमें इस संस्था में आने के बाद प्रजाप्रति ब्रम्हाकुमारी में पता चला कि नारी नर्क का द्वार नही स्वर्ग का द्वार खोलने वाली है। यह शब्द जिस भी महापुरूष ने कहा कि उन महापुरूष को लाने वाली भी एक नारी है। नारी पत्नी, बहन, मां, बहू, बेटी बनती है और सबमें अपना दायित्व निभाती है लेकिन क्यों हुआ कि नारी पीछे आ गई जिनके अंदर क्वालिटी होती है वह छिपा नही रहता है वह अपनी चमक को उजागर कर देता है और नारी हीरा है और उसकी चमक को दुनिया की कोई भी ऐसी शक्ति नही है जो ढक सकें। इसलिए नारी आगे आ रही है बीच में नारी पीछे इसलिए चल गई थी क्योंकि उन्होनें अपनी दिव्यता खो चुकी थी, नारी को देवी रूप में पूजा जाता है वैसे भी नौ वर्ष की कन्याओं को नवरात्रि पर पूजा जाता है लेकिन जब उसका विवाह हो जाता है तो उसके बाद उसको पीछे कर दिया जाता है जिस भी कारण से हुआ होगा।
नारी देवी स्वरूपा है नारी अपनी दिव्यता को छिपा लिए हैं, ऐसा नही कि यह बरकरार नही है लेकिन पाश्चात्य संस्कृति के कारण वह छिप गई है। नारी शिव की शक्ति है कभी भी शिव की शक्ति को अकेले नही बोलते हमेशा शिवशक्तियों को एक साथ बोलते है। शिव तो शक्तियों का सागर है ओर उसकी शक्ति मास्टर शाक्तियों का सागर है। हम बीच-बीच में याद रखें कि हमसे जो कर्म हो रहे है वह परमात्मा के प्रमाण हो रहे है या कुछ-कुछ गड़बड़ कहीं हम लौकिकता के प्रभाव में बह तो नही रहे है। अंदर की सुंदरता को हमें बाहर निकालना पड़ेगा वैसे भी नारी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, काली है। हमें ये रूप हमेशा याद रखना है नारी को गर्व होना चाहिए कि हम नारी है।
कार्यक्रम में कलार कलचुरी महिला मंडल सुषमा राय, अध्यक्ष कुंती राय, कार्यकारी अध्यक्ष आराधना सूर्यवंशी, उपाध्यक्ष राजकुमारी राय, सचिव शुभा जायसवाल, महामंत्री उषा चौधरी, प्रचार-प्रसार मंत्री ज्योत्सना जायसवाल का योगदान सराहनीय रहा।