हेलीपैड की अनुमति लेने नहीं जाना होगा निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय
सिवनी. लोकसभा चुनाव में राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को सभा के लिए मैदान की अनुमति लेने, रैली निकालने, लाउडस्पीकर, वाहन एवं हेलीपैड की अनुमति के लिए निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे इन अनुमतियों के लिये ऑफ लाइन आवेदन के साथ-साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आयोग के निर्देशानुसार राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों को अनुमतियां प्रदाय करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के कार्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने पारदर्शिता के मद्देनजर किसी भी कार्य की अनुमति लेने के लिए राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को पहले आओ पहले पाओ की सुविधा दी है। इसके तहत जो पहले ऑनलाइन आवेदन करेगा। उसे पहले अनुमति दी जाएगी। इसके लिए सुविधा एप पर तय समय के पूर्व ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उपलब्धता अनुसार उन्हें अनुमति दी जाएगी। निर्वाचन प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिए आम सभाएं, रैली, वाहनों के अधिग्रहण की जानकारी सहित विभिन्न समस्याओं का समाधान ऑनलाइन किया जाएगा। चुनाव आयोग के विशेष साफ्टवेयर द्वारा चुनाव में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की निगरानी की जाएगी। वाहनों के अधिग्रहण करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की गई है।
ऑनलाइन हो सकेगी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत
सिवनी. चुनावी प्रक्रिया के दौरान आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन के मामलों की ऑनलाइन शिकायत के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा खास तौर पर तैयार किए गए सी-विजिल सिटीजन एप पर कोई भी व्यक्ति यदि उसे कहीं आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला नजर आता है तो अपने मोबाइल से फोटो या वीडियो केप्चर कर इसकी शिकायत कर सकता है।
सी-विजिल सिटीजन एप को गूगल प्ले स्टोर से मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकेगा। इस एप का इस्तेमाल करने के लिए शिकायतकर्ता के मोबाइल पर जीपीएस और इंटरनेट चालू होना आवश्यक है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की ऑनलाइन शिकायतें इस एप के माध्यम से ही फोटो या वीडियो केप्चर कर की जा सकती है। वीडियो दो मिनट से अधिक का नहीं होना चाहिए। इससे अधिक अवधि का वीडियो एप पर अपलोड नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही जिस मोबाइल से फोटो या वीडियो केप्चर किए गए हैं। शिकायत केवल उसी से की जा सकेगी। किसी दूसरे मोबाइल या कैमरे की फोटो या वीडियो अथवा पहले से स्टोर फोटो या वीडियो इस एप पर अपलोड नहीं होगी। फोटो या वीडियो के साथ शिकायतकर्ता संक्षिप्त में प्रकरण के बारे में जानकारी भी दे सकता है। सी-विजिल एप पर शिकायत भेजते ही शिकायतकर्ता को यूनिक आईडी प्राप्त होगी, जिसके माध्यम से वह अपने मोबाइल पर शिकायत को ट्रेक कर सकेगा और उसकी अद्यतन स्थिति जान सकेगा। मोबाइल पर जीपीएस चालू होने के कारण शिकायतकत्र्ता जैसे ही अपनी शिकायत एप पर अपलोड करेगा वो स्थल की लोकेशन सहित तत्काल जिला निर्वाचन कार्यालय के सम्पर्क केन्द्र के पास पहुंच जाएगी। जिला निर्वाचन कार्यालय के सम्पर्क केन्द्र में शिकायतों की मॉनीटरिंग के लिए बैठी विशेष टीम फोटो या वीडियो की लोकेशन के आधार पर संबंधित क्षेत्र की फ्लाइंग स्क्वाड टीम या एसएसटी को मौके पर पहुंचने के निर्देश देगी। फ्लाइंग स्क्वाड दल भी मौके पर पहुंचकर शिकायत के बारे में तहकीकात करेगा और स्थल का वीडियो बनाकर सी-विजिल इन्वेस्टीगेटर एप पर सीधे सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को रिपोर्ट करेगा। यदि शिकायत सही पाई जाती है तो रिटर्निंग अधिकारी को इसे आगे की कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग को भेजना होगी। सी-विजिल सिटीजन एप की खास विशेषता यह होगी कि इसके माध्यम से कोई भी नागरिक चुनावों के दौरान आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायत इसके माध्यम से कर सकता है। शिकायतकर्ता को यह सावधानी बरतनी होगी कि मोबाइल से फोटो या वीडियो केप्चर करने के पांच मिनट के भीतर ही उसे अपनी शिकायत भेजनी होगी। जिला निर्वाचन कार्यालय को भी शिकायत मिलते ही उस पर तुरंत एक्शन लेना होगा और प्राप्त शिकायत को तत्काल संबंधित क्षेत्र की फ्लाइंग स्क्वाड टीम को प्रेषित करना होगा तथा जांच के लिए मौके पर भेजना होगा। फ्लाइंग स्क्वाड टीम को 100 मिनट के भीतर शिकायत का कम्प्लायंस देना जरूरी होगा अन्यथा ये शिकायत सीधे निर्वाचन आयोग को स्वत: ट्रांसफर हो जाएगी। आयोग द्वारा समय पर शिकायत पर कार्रवाई न करने के लिए संबंधित फ्लाइंग स्क्वाड टीम से स्पष्टीकरण भी मांगा जा सकता है।
सी-विजिल सिटीजन एप की एक विशेषता यह भी है कि नागरिकों द्वारा इस पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों की गुमनाम शिकायत भी जा सकेगी। गुमनाम शिकायत करने के विकल्प को अपनाने की स्थिति में शिकायतकर्ता का मोबाइल नम्बर एवं प्रोफाइल विवरण सिस्टम को नहीं भेजा जा सकेगा। इस वजह से शिकायतकर्ता को यूनिक आईडी प्राप्त नहीं होगी और वह अपनी शिकायत को ट्रेक नहीं कर सकेगा और उसकी अद्यतन स्थिति भी नहीं जान सकेगा।
सी-विजिल एप पर की गई शिकायत में इस्तेमाल वीडियो और फोटो को मोबाइल या गैलरी में सेव नहीं किया जा सकेगा। सी-विजिल सिटीजन एप केवल उन्हीं राज्य या क्षेत्र की भौगोलिक सीमा में कार्य करेगा जहां चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि सी-विजिल एप पर नागरिक केवल आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन सम्बन्धी शिकायतें ही कर सकेंगे। व्यक्तिगत शिकायतें इस एप पर नही की जानी चाहिए।