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ड्रिप, मिनि व पोर्टेबल स्प्रिंकलर से सिंचाई के लाभ से कराया अवगत

locationसिवनीPublished: Dec 02, 2021 10:03:37 am

Submitted by:

akhilesh thakur

उद्यानिकी विभाग द्वारा एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम

ड्रिप, मिनि व पोर्टेबल स्प्रिंकलर से सिंचाई के लाभ से कराया अवगत

ड्रिप, मिनि व पोर्टेबल स्प्रिंकलर से सिंचाई के लाभ से कराया अवगत

सिवनी. उद्यानिकी विभाग द्वारा विकासखंड कुरई के ग्राम खैरघाट के कृषि प्रक्षेत्र में बीते 23 नवंबर को उद्यानिकी कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम हुआ। परम्परागत खेती से हटकर करें उद्यानिकी की खेती इन्हीं उद्बोधन के साथ शुरू हुआ। उद्यानिकी एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण जिसमें कृषि को लाभ का धंधा बनाने पर जोर दिया गया। इसमें क्षेत्र के कृषक उपस्थित हुए। कृषकों का पंजीयन कर आपस में परिचय कर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के स्वागत कार्यक्रम के बाद प्रभारी वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी ओपी शिव द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया।
वर्तमान में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं एक जिला एक उत्पाद, सीताफल पौधारोपण, काजू फल क्षेत्र विस्तार, संकर सब्जी क्षेत्र विस्तार, यंत्रीकरण योजना, प्याज भण्डार गृह, जैविक खेती, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग इकाई स्थापना, एफपीओ समिति गठन आदि योजनाओं के बाद वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी टीसी मर्सकोले द्वारा फसल में लगने वाले कीट रोग प्रबंधन स्वाइल हेल्थ कार्ड, बलराम ताल व समन्वित खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मेश्राम ने आत्मा योजना के अंतर्गत विभाग की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई। वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी ओपी शिव द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत ड्रिप, मिनि स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर से सिंचाई के लाभ के संबंध में विस्तार से कृषकों को समझाया गया।
प्रशिक्षण में उपस्थित कृषकों को कृषक आशीष जयसवाल द्वारा उद्यानिकी विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा गया कि कृषकों के जीवन में उद्यान विभाग अच्छा परिवर्तन ला सकता है। सभी कृषकों को उद्यानिकी फसलों को ज्यादा से ज्यादा लगाने का सुझाव देने के साथ ही कृषक आशीष जयसवाल के प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया। इसमें 8 एकड़ में आलू, 5 एकड़ में नींबू पौधे एवं प्याज भण्डार गृह प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया। कृषक द्वारा उद्यानिकी खेती से कम लागत में अधिक आय प्राप्त करने के बारे में अपना अनुभव कृषकों के साथ साझा किया व उद्यानिकी खेती करने वाले कृषकों को प्रोत्साहित किया गया।
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