जिन हितग्राहियों को किस्त जारी हुआ और वे कार्य शुरू नहीं किए उनको जारी करो नोटिस – पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक
सिवनी. कलेक्टर प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई। इसमें जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील दुबे सहित सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं जिला पंचायत के विभिन्न शाखाओं के प्रभारी अधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक में कलेक्टर सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना के विकास खण्डवार लक्षित लक्ष्य के विरुद्ध प्रगति की समीक्षा कर भवन निर्माण कार्यों में तेजी लाकर प्रथम किस्त देय सभी हितग्राहियों को द्वितीय किस्त 15 अगस्त तक जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सतत रूप से मैदानी अमले की बैठक लेकर लगातार समीक्षा हेतु निर्देशित किया। उन्होंने ऐसे हितग्रहियों जिन्होंने प्रथम किस्त प्रदान होने के उपरांत निर्माण कार्य चालू न किया है का चिन्हांकित नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों सहित हिर्री नदी के पुनर्जीवन कार्य का अवलोकन किया। स्वरोजगार योजनाओं की जनपदवार समीक्षा कर एक माह की अवधि में लक्षित प्रकरणों की शत-प्रतिशत स्वीकृति कर समय-सीमा में वितरण के निर्देश दिए।
सिवनी. कलेक्टर प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई। इसमें जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील दुबे सहित सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं जिला पंचायत के विभिन्न शाखाओं के प्रभारी अधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक में कलेक्टर सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना के विकास खण्डवार लक्षित लक्ष्य के विरुद्ध प्रगति की समीक्षा कर भवन निर्माण कार्यों में तेजी लाकर प्रथम किस्त देय सभी हितग्राहियों को द्वितीय किस्त 15 अगस्त तक जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को सतत रूप से मैदानी अमले की बैठक लेकर लगातार समीक्षा हेतु निर्देशित किया। उन्होंने ऐसे हितग्रहियों जिन्होंने प्रथम किस्त प्रदान होने के उपरांत निर्माण कार्य चालू न किया है का चिन्हांकित नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों सहित हिर्री नदी के पुनर्जीवन कार्य का अवलोकन किया। स्वरोजगार योजनाओं की जनपदवार समीक्षा कर एक माह की अवधि में लक्षित प्रकरणों की शत-प्रतिशत स्वीकृति कर समय-सीमा में वितरण के निर्देश दिए।