scriptआजादी तो मिली पर मानसिक गुलामी अब भी कायम | Mental slavery still prevails on freedom | Patrika News

आजादी तो मिली पर मानसिक गुलामी अब भी कायम

locationसिवनीPublished: Dec 10, 2018 11:48:57 am

Submitted by:

sunil vanderwar

एकल विद्यालय संचालन के लिए हनुमान जैसी सेना चाहिए

seoni

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सिवनी. आज की राजनीति में दिल में कुछ होता है और दिमाग में कुछ चलता है। दिल और दिमाग से चलने वाला राजनेता नहीं हो सकता। आजादी तो हमें मिली मगर हम गुलामी से मुक्त नहीं हो पाए। मानसिक रूप से हमें जातिवाद के नाम पर तोड़ दिया गया। अंग्रेजों की फूट डालो शासन करो की नीति हमारे देश में लागू है। 40 करोड़ दलित, आदिवासी किस जाति के हैं आज चिंता बनी हुई। ऐसे में इन दलितों को जोडऩे का काम कर एकल विद्यालय कर रहा है। इसके माध्यम से एक लाख चालीस हजार विद्यालयों की स्थापना की गई है। जिन्हें उद्योग पतियों के सहयोग से चलाया जा रहा है। उक्त उद्गार एकल विद्यालय प्रमुख एवं विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री श्याम गुप्ता ने व्यक्त किए।
गुप्ता ने कहा चुनाव जीतने के लिस तीन बातें जरूरी है वोट सपोट और वोट बैंक और यहीं लोकतंत्र को गंदा कर रही है। जिन्होनें आजादी के बाद का दर्द देखा है और सुना है वह समझ सकता है कि यह दलित कौन है। किस तरह से घर-बार छोड़कर देश में ही शरणार्थी बनना पड़ा था और आज हम इन दलितों के उत्थान के लिए उद्योपतियों के सहयोग से एकल विद्यालय चला रहे है लेकिन अब इन उद्योपतियों ने कहा है कि स्थानीय लोग इन विद्यालयों को बढाने के लिए आगे आएं इसी उद्देश्य से यहां आना हुआ है।
गुप्ता ने कहा कि हम एकल विद्यालय सहयोग से चला रहे हैं लेकिन अब स्वावलम्बन की जरूरत है और स्वावलम्बन से स्वाभिमान बढ़ेगा इसलिए सबके सहयोग की जरूरत है। हम भगवान राम को तो पूज रहे हैं लेकिन भगवान राम क्या चाहते हैं उसे जानने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। भगवान राम चाहते हैं सभी का उद्धार हो वह अपनी मूलधारा में आएं इसके लिए गांव-गांव में 5-5 ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण किया जाए जो सर्व वर्ग के दुखों को समझ सकें हमने एकल विद्यालय के माध्यम से अनेक ऐसे पंडित तैयार किए हैं जिनका संस्कृत एवं अन्य भाषाओं में उच्चारण इतना शुद्ध होता है जिनके कारण इनको सम्मान मिलता है।
इस अवसर पर डॉ. सुनील अग्रवाल ने बताया कि श्याम गुप्ता जिनकी उम्र 80 वर्ष है और इन्हें आजादी के दौरान अपने परिवार से अलग होना पड़ा एक उद्योगपति होने के बावजूद भी दलितों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। आज इनके उत्थान के लिए हनुमान जैसी सैना की आवश्यकता है जो समाज के राक्षसों का विनाश कर सके। कोई अपने जीवन-यापन के दौरान कठिनाई महसूस ना करें। कार्यक्रम का संचालन डॉ. केके चतुर्वेदी ने किया।
इस अवसर पर पर सांसद बोधसिंह भगत, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर, संजय मालू, मनीष अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, नरेन्द्र ठाकुर, डॉॅ. अनामिका अग्रवाल, संजय जैन, रामदास ठाकुर, आरके सेंगर, अशोक अकेला, ढालसिंह ठाकुर, गणेश दादरे, संतसिंह राजपूत, बलीराम डेहरिया, सुभाष गोस्वामी, चन्द्रकला आर्मो, नवनीत क्षीरसागर, दुर्गाप्रसाद कटरे, दिपिका, बिसनवती, बसंती, राजकुमारी, लक्ष्मी यदुवंशी, श्याम उईके, धनीराम धुर्वे, रेवती प्रसाद डहेरिया, भाग समिति से श्यामलाल उईके, रामकिशोर, बलीराम डेहरिया, कपूरचंद, रघुनंदन, सोहन विश्वकर्मा, शनीलाल भलावी, गणेश परते, गौतम यादव, सोमनाथ परते, कपूरचंद आदि शामिल रहे।
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