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सूदखोरों के चंगुल में फंस रहे युवा, बेच रहे घर-जमीन

locationसिवनीPublished: Jun 25, 2017 11:13:00 am

Submitted by:

shailendra tiwari

जिले के कापरेन क्षेत्र में अवैध ब्याज वसूली के जाल में युवा फंसते जा रहे हैं। नौबत यहां तक आ पहुंची कि ब्याज नहीं चुका पाने की स्थिति में वे घर की सम्पत्ति को कोडियों के भाव बेच रहे हैं। रुपयों का इंतजाम नहीं होने पर घर छोड़कर जा रहे हैं।

इनके डर से युवक घरों से हो रहे लापता

कापरेन क्षेत्र में गिरोह सक्रिय : डरा धमकाकर 10 से 30 प्रतिशत तक कर रहे ब्याज वसूली

जिले के कापरेन क्षेत्र में अवैध ब्याज वसूली के जाल में युवा फंसते जा रहे हैं। नौबत यहां तक आ पहुंची कि ब्याज नहीं चुका पाने की स्थिति में वे घर की सम्पत्ति को कोडियों के भाव बेच रहे हैं। रुपयों का इंतजाम नहीं होने पर घर छोड़कर जा रहे हैं।
जानकार सूत्रों ने बताया कि यहां गिरोह के रूप में ऐसे लोग सक्रिय हैं जो युवाओं को रुपए उधार देने का लालच दे रहे हैं।जाल में फंसने के बाद उससे चोरी-छिपे कई गुना अधिक ब्याज वसूल रहे हैं।उनसे सम्पत्तियां स्टॉम्प पर लिखा रहे हैं। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें उधारी के नाम पर युवकों ने घर की सम्पत्ति को स्टॉम्प पर लिख दिया। अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते कई तो पुलिस तक नहीं पहुंच रहे। 
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युवक घर से लापता

कापरेन शिवनगर निवासी रौनक शर्मा (24) 21 जून की शाम छह बजे से घर नहीं लौटा। परिजनों ने बताया कि ब्याजखोर चार लाख रुपए ले चुके, चार लाख रुपए और मांग रहे हैं। परिजनों ने बताया कि पेट्रोल पंप पर रौनक को बुलाकर मारपीट कर जबरन स्टॉम्प पर हस्ताक्षर भी करवाने की कोशिश की। इससे आहत होकर वह घर से लापता हो गया। इस मामले में भाई मयंक शर्मा ने कापरेन थाने में रिपोर्ट सौंपी। जिस पर पुलिस ने दो जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। हालांकि अभी आरोपित पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए।
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कई छोड़ गए गांव-कस्बा

राजस्थान पत्रिका ने कापरेन क्षेत्र में लोगों को डरा धमकाकर मनमाने ब्याज वसूली के गौरखधंधे को लेकर पड़ताल की। लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दो से तीन वर्षों में लगभग एक दर्जन व्यापारी, छात्र व किसानों को फंसाकर उनसे मनमर्जी ब्याज के लाखों रुपए ऐंठ चुके। 
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संपत्ति को बेचान करवा दिया। चार परिवार तो दो वर्षों में गांव छोड़कर ही चले गए। वहीं कुछ युवा कई महीनों से घर से लापता हैं, डर के मारे उनका घर लौटना मुश्किल हो गया। पीडि़त परिवार घुट-घुटकर मरने को मजबूर है। कुछ परिवार बदनामी के डर से जैसे तैसे कर्जा चुकाने में जुटे हैं। 
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कापरेन के नगर कांग्रेस अध्यक्ष राजपाल शर्मा की माने तो पुलिस इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही। जबकि इसे नहीं रोका गया था युवाओं में आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ जाएंगी। उन्होंने बताया कि अब तक एक दर्जन से अधिक परिवार बर्बाद होने के कारण कस्बा छोड़कर चले गए। कई लोगों के घर बिक गए।
केस-1

अडिला निवासी आलोक गुप्ता के पिता कैंसर से पीडि़त है। इलाज के लिए 3 से 4 लाख रुपए का कर्जा लिया। इस कर्जे पर सूदखोरों ने मनमाना ब्याज वसूलना शुरू कर दिया। अब तक दस गुना पैसा ले चुके बताए। वे 4 लाख का 80 हजार रुपए प्रतिमाह ब्याज ले रहे हैं। अब तक 40 लाख रुपए चुका चुके। इसके बाद भी 60 लाख रुपए कर्जा बता रहे बताए।गांव की पूरी जमीन बिक गई।आलोक एक बारगी तो घर में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश भी कर चुका। इस मामले में पिता ने थाने में रिपोर्ट भी सौंपी थी।
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केस-2 

कापरेन निवासी युवराज सिंह के अनुसार बीते वर्ष दीपावली पर पुत्र जितेंद्र सिंह (26) घर छोड़कर चला गया। लिखित नोट छोड़ गया था, जिसमें उसने लिखा कि कुछ लोग 10 से 20 प्रतिशत ब्याज से रुपए मांग रहे हैं। उसके माथे11 लाख का कर्जा बता रहे हैं। जबकि जो राशि उधार दी थी उससे दो गुने तो ले चुके। इसकी पिता ने कापरेन थाने में रिपोर्ट सौंपी। जितेन्द्र को घर लौटे एक वर्ष होने को आया।
केस-3

कापरेन निवासी मंजू राठौर ने बताया कि उसका पति नारायण लाल राठौर (45) सूदखोरों के चंगुल में फंस गया। रकम उधार देकर 30 रुपए सेकड़ा का ब्याज शुरू कर दिया। 

अब तक सूदखोर 40 लाख रुपए तो ले चुके, लेकिन वसूली का सिलसिला नहीं थमा। सूदखोरों ने मारपीट की तो नारायण लाल घर से गायब हो गया। अब दो वर्ष होने को आए घर नहीं लौटा।लेकिन सूदखोरों का आतंक नहीं थमा। वे घर आकर बच्चे को जान से मारने की धमकी देकर 5 बीघा जमीन के कागज पर हस्ताक्षर करवाकर ले गए। अब जमीन पर हंकाई भी कर ली।
एक्सपर्ट राय

मनी लैंडिंग एक्ट के तहत कोई भी आदमी व्यापार के रूप में पैसे का लेनदेन नहीं कर सकता। यदि लेनदेन करता है तो उसको लाइसेंस लेना होता है। कोई भी व्यक्ति रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के वर्तमान प्रावधानों के तहत प्रचालित ब्याज दर से अधिक ब्याज की राशि का लेनदेन नहीं कर सकता। किसी व्यक्ति के 2, 4 या अधिक प्रतिशत ब्याज वसूला जाता है तो वो गैर कानूनी है। डरा धमकाकर रुपए वसूलने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 में एक्सटोर्शन के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
भूपेंद्र सहाय सक्सेना, लोक अभियोजक, बूंदी

एक मामला सामने आया है जिसपर रिपोर्ट दर्ज कर ली। मामले में अनुसंधान पूर्ण कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

जितेंद्र सिंह, थानाधिकारी, कापरेन

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