सिवनी. जिले में गत वर्षों की तुलना में इस बार मलेरिया रोगियों की संख्या में गिरावट आई है। पिछले साल जनवरी से 15 जुलाई तक जहां मलेरिया रोगियों की संख्या 202 थी वहीं इस बार घटकर 106 पहुंच गई है। एक ओर जहां जिले के आठ विकासखण्डों में से कुरई, बरघाट काफी संवेदनशील हैं, वहीं मलेरिया विभाग में मलेरिया की रोकथाम के लिए वर्तमान में अल्फा साइफर मेथने 5 प्रतिशत पूर्णत: समाप्त हो चुका है। विभाग ने इसे मंगाए जाने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।
मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक जनवरी से 2016 तक जिले भर में मलेरिया के 202, डेंगू के 13 और चिकनगुनिया के 3 मरीज मिले थे वहीं वर्ष 2017 में मलेरिया के 106, डेंगू के 04 और चिकनगुनिया से एक भी मरीज नहीं मिला।
दस सालों ने नहीं आई मच्छरदानी
जिले में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया के मरीज हर साल मिलते हैं। वहीं संवेदनशील विकासखण्डों में कुरई, बरघाट के बाद लखनादौन, छपारा, धनौरा, गोपालगंज, केवलारी विकासखण्ड में मलेरिया रोगियों की संख्या मिलने के बाद भी जिले को पिछले 10 सालों से मच्छरदानी नहीं मिली है। इस मामले में जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि यह जिला मेडिकेटेड मच्छरदानी की श्रेणी में नहीं आता है। इसके लिए जिले में इंडोरेजीड्यूल (आईआरएस) स्प्रे किया जाता है।
जगह-जगह पनप रहे मच्छर
शहर समेत ग्राम क्षेत्रों में खाली पड़े प्लाटों पर कचरों का ढेर लगा रहता है। नगर के सभी वार्डों में कचरा गाड़ी प्रतिदिन घूमती है इसके बावजूद खाली पड़े प्लाटों, नालियों में गंदगी का ढेर लगा रहता है। जहां मच्छर पनप रहे हैं।
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एक जनवरी से 15 जुलाई तक मलेरिया पॉजीटिव की संख्या
विकासखण्ड वर्ष 2016 वर्ष 2017
कुरई 40 21
छपारा 24 13
लखनादौन 43 18
घंसौर 15 03
धनौरा 18 11
गोपालगंज 19 08
सिवनी 01 02
बरघाट 34 24
केवलारी 08 06
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कुल 202 106
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इनका कहना है
मलेरिया रोकथाम के प्रयास जारी हैं। नगर में लार्वा सर्वे करने के लिए नगर पालिका प्रशासन को पत्र लिखा गया है। मेडिकेटेड मच्छरदानी की श्रेणी में जिला नहीं आता है।
स्मृता नामदेव जिला मलेरिया अधिकारी, सिवनी